महाराष्ट्र सरकार मादक पदार्थ तस्करी में शामिल विदेशी नागरिकों के लिए स्थापित करेगी हिरासत केंद्र

Rozanaspokesman

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फडणवीस राज्य के गृह मंत्री भी हैं।

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मुंबई:  महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में कहा कि मादक पदार्थ तस्करी, अपनी वीजा अवधि से अधिक समय तक देश में रहने और निर्वासन से बचने के लिए छोटे-मोटे अपराध में शामिल विदेशी नागरिकों के लिए हिरासत केंद्र की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य रोहित पवार द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने प्रतिबंधित पदार्थों के वितरण को नियंत्रित करने के लिए आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को नोडल एजेंसी नियुक्त करने का फैसला किया है।

फडणवीस राज्य के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने गौर किया है कि नाइजीरिया के कुछ नागरिकों समेत अन्य देशों के नागरिक नशीले पदार्थों की आपूर्ति में शामिल हैं। वे वीजा नियमों का उल्लंघन कर यहां वीजा अवधि से अधिक समय तक रहते हैं। ऐसे उल्लंघन के मामले में निर्वासन से बचने के लिए वे छोटे मोटे अपराध में शामिल होते हैं और यहां लंबे समय तक बने रहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की प्रवृत्ति को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने हिरासत केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है, जहां इन विदेशी नागरिकों को उनके देश भेजे जाने तक रखा जाएगा। हमने मादक पदार्थों के वितरण को नियंत्रित करने के लिए एटीएस को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त करने का भी फैसला किया है।’’

बंदरगाहों पर 'कंटेनर' के जरिए मादक पदार्थ लाए जाने के संबंध में टिप्पणी करते हुए फडणवीस ने कहा कि केंद्र के साथ राज्य सरकारों ने सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और इस तरह के प्रतिबंधित पदार्थ की आपूर्ति को नियंत्रित कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित पदार्थ के आपूर्तिकर्ताओं ने हालांकि 'कंटेनर' के जरिए बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ की तस्करी करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि मुंद्रा और जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीटी) में कुछ और सामग्री के नाम पर मादक पदार्थ की आपूर्ति की सूचना मिली है। अत्याधुनिक स्कैनरों की खरीद की प्रक्रिया जारी है। ये स्कैनर प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाने में सक्षम होंगे।’