पूर्व-अग्निवीरों के लिए बड़ी राहत! BSF कॉन्स्टेबल भर्ती में आरक्षण बढ़ा 50%,नियम लागू

Rozanaspokesman

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केंद्र सरकार ने बीएसएफ भर्ती नियमों में अहम बदलाव किया है।

Ex Agniveers get 50 percent reservation in BSF constable recruitment

New Delhi: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब बीएसएफ कॉन्स्टेबल भर्ती में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 50% आरक्षण मिलेगा। पहले इस आरक्षण को केवल 10% रखने का प्रस्ताव था। नए बदलाव के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में होगी। पहले चरण में, नोडल फोर्स 50% सीटें पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित रखेगी। दूसरे चरण में, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन शेष 47% सीटों पर भर्ती करेगा, जिसमें 10% सीटें पूर्व-सैनिकों के लिए शामिल हैं।

पूर्व-अग्निवीरों को लेकर बड़ा फैसला

अगर पहले चरण में पूर्व-अग्निवीरों की कोई सीट खाली रह जाती है, तो उसे दूसरे चरण में भरा जाएगा। महिला उम्मीदवारों के लिए सीटों की गणना हर साल बीएसएफ के महानिदेशक द्वारा उनकी आवश्यकताओं के अनुसार की जाएगी। ध्यान देने योग्य है कि यह नया नियम केवल बीएसएफ के लिए लागू है और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) पर अभी लागू नहीं हुआ है। इससे पहले, सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कॉन्स्टेबल (जनरल ड्यूटी) के लिए केवल 10% सीटें पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित थीं।

क्या हैं मौजूदा नियम ? 

मौजूदा नियमों के तहत पूर्व-अग्निवीरों को एक बड़ी राहत दी गई है। उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा (Physical Efficiency Test) देने की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य है। बीएसएफ और भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर मिलकर कार्य करते हैं। जम्मू और कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी बीएसएफ की टीमें भारतीय सेना के जवानों के साथ बॉर्डर पर संयुक्त रूप से काम कर चुकी हैं। 14 जून 2022 को भारत सरकार ने थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना में सैनिकों की शॉर्ट-टर्म भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की थी।

इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना में अग्निवीरों को सीमित अवधि के लिए भर्ती किया जाता है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लगभग 3,000 अग्निवीरों ने महत्वपूर्ण हथियारों और सिस्टम को संभाला। ये अग्निवीर मुश्किल से 20 साल के थे और पिछले दो साल में भर्ती हुए थे। उन्होंने सेना के एयर डिफेंस शील्ड को मजबूत किया, जिसे पाकिस्तान भेद नहीं सका, भले ही 7-10 मई के बीच उसने भारत के सैन्य ठिकानों, हवाई अड्डों और शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से लगातार हमले किए। यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा टकराव था।

अग्निवीर कार्यक्रम में भर्ती के नियम

अग्निवीर कार्यक्रम के तहत सैनिकों (महिलाओं सहित) की भर्ती केवल चार साल के लिए होती है। इस अवधि के बाद 25% अग्निवीरों को एक और स्क्रीनिंग के बाद नियमित कैडर में 15 साल के लिए रखा जा सकता है। इसका उद्देश्य सेना की ऑपरेशनल तत्परता बढ़ाना और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के लिए एक कुशल व गतिशील कार्यबल तैयार करना है। अग्निवीरों की उम्र 17.5 से 21 साल के बीच होती है।

पैरामिलिट्री बलों में अग्निवीरों को शामिल करने के लिए सरकार ने ऊपरी आयु सीमा में छूट दी है और शारीरिक दक्षता परीक्षा की आवश्यकता भी समाप्त कर दी है। पहले बैच के पूर्व-अग्निवीरों के लिए ऊपरी आयु सीमा पांच साल बढ़ाई गई है, जबकि बाद के बैचों के लिए यह तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है।

पुरानी व्यवस्था के तहत भर्ती हुए सैनिक लगभग 20 साल सेवा करने के बाद 30 के दशक के अंत में पेंशन और अन्य लाभों के साथ रिटायर होते थे। नए नियम ने पूर्व-अग्निवीरों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान किया है, जिससे उन्हें बीएसएफ में कॉन्स्टेबल के रूप में सेवा करने का मौका मिलेगा।

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