प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर शणमुगारत्नम को बधाई दी।
सिंगापुर: सिंगापुर में करीब एक दशक बाद हुए राष्ट्रपति के चुनाव में भारतीय मूल के थरमन शणमुगारत्नम ने बाजी मार ली है। थरमन शणमुगारत्नम चुनाव में 70 फीसदी से अधिक मत मिले हैं। सिंगापुर के चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा की।
सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शणमुगारत्नम ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की। उन्होंने साल 2011 के बाद पहली बार हुए राष्ट्रपति चुनाव में चीनी मूल के दो प्रतिद्वंद्वियो को हराया। साल 2011 से 2019 तक सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री रहे शणमुगारत्नम (66) को 70.4 प्रतिशत वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वियों एन. कोक सोंग और टेन किन लियान को क्रमश: 15.7 प्रतिशत और 13.8 प्रतिशत वोट मिले। निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर शणमुगारत्नम को बधाई दी।
उन्होंने कहा, “सिंगापुरवासियों ने निर्णायक अंतर से श्री थरमन शणमुगारत्नम को हमारा अगला राष्ट्रपति चुना है। राष्ट्र प्रमुख के रूप में, वह देश और विदेश में हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे।” इससे पहले, तमन जुरोंग फूड सेंटर में अपने समर्थकों के बीच शणमुगारत्नम ने कहा कि वह सिंगापुरवासियों की ओर से मिले "मजबूत समर्थन के लिए वास्तव में आभारी हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं इस मतदान को लेकर अभिभूत हूं - यह मतदान सिर्फ मेरे लिए नहीं, यह सिंगापुर के भविष्य, आशावाद और एकजुटता के भविष्य के लिए मतदान है। मेरा अभियान आशावाद और एकजुटता पर केंद्रित था, और विश्वास करें कि सिंगापुरवासी यही चाहते हैं।”
चैनल ‘न्यूज एशिया’ ने शणमुगारत्नम के हवाले से कहा, “सिंगापुरवासियों ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उसका सम्मान करूंगा और उन लोगों सहित सभी सिंगापुरवासियों का भी सम्मान करूंगा जिन्होंने मुझे वोट नहीं दिया।” देश के नौवें राष्ट्रपति के लिए हुए मुकाबले में सिंगापुर सरकार इन्वेस्टमेंट कॉर्प (जीआईसी) के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एन. कोक सोंग और देश के सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह एनटीयूसी इनकम के पूर्व प्रमुख टेन किन लियान ने भी किस्मत आजमाई।
निवर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह वर्ष का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है। वह देश की आठवीं राष्ट्रपति हैं और इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। सिंगापुर में वर्ष 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था क्योंकि कोई अन्य उम्मीदवार नहीं था। सिंगापुर में 2011 के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था।
शणमुगारत्नम ने देश की संस्कृति को दुनिया में “उज्ज्वल” बनाए रखने के संकल्प के साथ पिछले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिये अपना अभियान शुरू किया था। राजनीति में 2001 में आए शणमुगारत्नम ने दो दशक से अधिक समय तक सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के और मंत्री पदों पर कार्य किया है। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए पहला चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था।