वक्तव्य में कहा गया कि ‘‘स्वीडन और भारत विशेष रूप से वैश्विक खाद्य सुरक्षा में गिरावट से चिंतित हैं जो यूक्रेन में युद्ध के कारण और भी गंभीर हो गया...
संयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन में युद्ध के कारण वैश्विक खाद्य सुरक्षा में आई गिरावट पर चिंता जताते हुए भारत और स्वीडन ने काला सागर के जरिए अनाज भेजने की पहल के विस्तार का स्वागत किया है।
काला सागर के जरिए युद्धग्रस्त देश यूक्रेन से अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरकों के निर्यात के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में राजदूत, भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि आर रवींद्र ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत और स्वीडन की ओर से ‘विशेष आर्थिक सहायता सहित संयुक्त राष्ट्र की मानवीय और आपदा राहत सहायता के समन्वय को मजबूत करने’ पर एक संयुक्त वक्तव्य दिया।
वक्तव्य में कहा गया कि ‘‘स्वीडन और भारत विशेष रूप से वैश्विक खाद्य सुरक्षा में गिरावट से चिंतित हैं जो यूक्रेन में युद्ध के कारण और भी गंभीर हो गया है।’’ रवींद्र ने कहा कि भारत और स्वीडन काला सागर के जरिए अनाज आपूर्ति बहाल करने की पहल का पूरी तरह से समर्थन करते हैं और 17 नवंबर को 120 दिनों तक इस कवायद के विस्तार की घोषणा का स्वागत करते हैं।
पहल में विस्तार से यूक्रेन के अनाज, खाद्य पदार्थों और उर्वरक का निर्यात काला सागर बंदरगाहों से जारी रह सकता है। रवींद्र ने मंगलवार को कहा कि कम आय वाले देशों को मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों की कमी से मुकाबले में मदद करने के लिए, भारत ने अफगानिस्तान, म्यांमा, सूडान और यमन सहित जरूरतमंद देशों को 18 लाख टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है।