भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे महसूस किए गए.
मोरक्को: मोरक्को में शुक्रवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. यहां आए 6.8 तीव्रता के भूकंप से कम से कम 296 लोगों की मौत हो गई है. वहीं बड़ी संख्या में मकान जमींदोज हो गए. मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है. भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे महसूस किए गए. इसका केंद्र मोरक्को के मराकेश शहर से 71 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है. रेस्क्यू टीम मौके पर है और राहत बचाव अभियान जारी है.
भूकंप के झटके मोरक्को के तटीय शहरों रबात, कैसाब्लांका और एस्सौइरा में भी महसूस किए गए। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में ढही हुई इमारतें, संकरी गलियों में बिखरे मलबे के ढेर और चारों ओर तबाही दिखाई दे रही है। मराकेश से 200 किमी पश्चिम में एस्सौइरा के एक निवासी ने टेलीफोन पर सामाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हमने भूकंप के समय चीखें सुनीं।" यूएसजीएस की पेजर प्रणाली, जो भूकंप के प्रभाव का प्रारंभिक आकलन प्रदान करती है, ने आर्थिक क्षति के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया।
जिसमें अनुमान लगाया गया है कि भारी नुकसान होने की संभावना है और भूकंप के बाद आने वाले झटकों से होने वाली मौतों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे बड़े पैमाने पर जनहानि होने की आशंका है. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक यह 120 सालों में उत्तरी अफ्रीका में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप है.
अफ्रीकी और यूरेशियन प्लेटों के बीच स्थित होने के कारण मोरक्को का उत्तरी क्षेत्र अक्सर भूकंप के खतरे में रहता है। 2004 में, अल होसेइमा में आए भूकंप में कम से कम 628 लोग मारे गए और 926 घायल हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में मची इस तबाही पर दुख व्यक्त किया है. "मोरक्को में भूकंप के कारण जानमाल के नुकसान की खबर सुनकर दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में मैं मोरक्को के लोगों के साथ हूं।' उन लोगों के प्रति सहानुभूति जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।