कोविड-19 संक्रमण रोकने वाला ‘स्प्रे’ तैयार

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कोविड-19 संक्रमण रोकने वाला ‘स्प्रे’ तैयार
Published : Jan 13, 2023, 5:28 pm IST
Updated : Jan 13, 2023, 5:28 pm IST
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Covid-19 infection prevention 'spray' ready
Covid-19 infection prevention 'spray' ready

इस शोध की कुंजी यह है कि ‘फिलामेंट्स एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम’-दो या एसीई-दो नामक एक ‘रिसेप्टर’ ले जाते हैं, जो नाक की परत, ...

वाशिंगटन : शोधकर्ताओं ने नये अणु तैयार किये हैं, जिन्हें सार्स-सीओवी-2 वायरस को फेफड़ों में प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने से रोकने के लिए नाक में ‘स्प्रे’ किया जा सकता है। जब लोग सांस लेते हैं तो कोविड​​-19 के वायरस श्वसन मार्ग के जरिये फेफड़ों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बीमारी होती है।

अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के इंजीनियर ने अब ‘सुपरमॉलेक्यूलर फिलामेंट्स’ कही जाने वाली अणुओं की पतली, धागे जैसी किस्में बनाई हैं, जो वायरस को उसके रास्ते में आने से रोकने में सक्षम हैं।

जॉन्स हॉपकिंस व्हिटिंग स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के एक सहयोगी प्रोफेसर होंगगैंग कुई ने कहा, ‘‘उद्देश्य यह है कि फिलामेंट्स हमारे श्वसन मार्ग में कोविड-19 वायरस और अन्य वायरस को कोशिकाओं में तब्दील होने का मौका देने से पहले उन्हें अवशोषित करने के लिए स्पंज की तरह काम करेंगे।’’

‘मैटर’ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध का नेतृत्व करने वाले कुई ने कहा, ‘‘उपचारात्मक उपाय वायरस को एक या दो घंटे के लिए रोक सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल उन जगहों पर ज्यादा प्रभावी हो सकता है, जहां लोगों की ज्यादातर उपस्थिति हो।’’

इस शोध की कुंजी यह है कि ‘फिलामेंट्स एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम’-दो या एसीई-दो नामक एक ‘रिसेप्टर’ ले जाते हैं, जो नाक की परत, फेफड़ों की सतह और छोटी आंत की कोशिकाओं में भी पाए जाते हैं।

उनकी कई जैविक भूमिकाएं हैं, जैसे रक्तचाप और सूजन को नियंत्रित करना। कोरोना वायरस मुख्य रूप से इस रिसेप्टर के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश करता है।

शोधकर्ताओं को यह ज्ञात है कि श्वसनमार्ग में अतिरिक्त एसीई-2 शामिल करने से वायरस का प्रवेश अवरुद्ध हो सकता है। चूंकि] एसीई-दो के जैविक कार्य हैं, इसलिए शरीर को अधिक एसीई-दो देने से अप्रत्याशित जटिलताएं भी हो सकती हैं।

कुई ने कहा, ‘‘हमारी योजना यह है कि इसे नाक या मौखिक स्प्रे के रूप में इस्तेमाल किया जाए, जिससे ये फेफड़ों में आच्छादित रह सकें या श्वसन मार्ग और फेफड़ों की सतह पर स्थित रहे। जब कोई व्यक्ति सांस के जरिये कोविड-19 वायरस के सम्पर्क में आता है, तो वायरस बाधित किया जा सकेगा।’’ 

शोधकर्ताओं ने कहा कि चूंकि फिलामेंट्स सार्ससीओवी-2 के विशिष्ट स्पाइक प्रोटीन को आकर्षित करते हैं, इसलिए यह किसी भी वर्तमान या भविष्य के स्वरूप पर समान रूप से काम कर सकेगा।

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ROZANASPOKESMAN

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