शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कई विश्व नेताओं के साथ “सकारात्मक चर्चा” की और आने वाले वर्ष के लिए प्रभावशाली जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की।
बाली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद बुधवार को भारत के लिए रवाना हो गए। शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने कई विश्व नेताओं के साथ “सकारात्मक चर्चा” की और आने वाले वर्ष के लिए प्रभावशाली जी-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण की।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्थान से पहले एक ट्वीट में इंडोनेशिया के लोगों, इंडोनेशियाई सरकार और राष्ट्रपति जोको विदोदो को गर्मजोशीपूर्ण आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया।.
उन्होंने कहा, “बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में बिताए गए दो दिन सकारात्मक रहे। विभिन्न विश्व नेताओं के साथ सकारात्मक बातचीत हुई और कई महत्वपूर्ण विषयों पर भारत के रुख को रेखांकित किया।”.
प्रधानमंत्री ने अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई विश्व नेताओं से मुलाकात की।.
उन्होंने बुधवार को जी-20 शिखर सम्मेलन में कहा कि ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ (डिजिटल प्रौद्योगिकी के अनुकूल ढलने के लिए बदलाव) कुछ लोगों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए और इसका अधिक लाभ तभी मिल सकता है, जब इसकी पहुंच को वास्तव में समावेशी बनाया जाए।.
मोदी ने इस बात की मजबूती से वकालत की कि जी-20 नेता अगले 10 वर्षों में हर इंसान के जीवन में ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ लाने के लिए काम करने का संकल्प लें, ताकि कोई भी व्यक्ति नई प्रौद्योगिकियों के लाभ से वंचित न रहे।.
जी-20 में हिस्सा लेने वाले नेताओं ने यूक्रेन में जारी संघर्ष को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि “आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए”। प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भेजे संदेश में भी यही बात कही थी।.
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने कहा कि भारत आने वाले वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करता है।
उन्होंने कहा, “हमारा एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई उन्मुख होगा। हम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के अपने दृष्टिकोण के सभी पहलुओं को साकार करने के लिए काम करेंगे।”.