अदालत के दस्तावेज के अनुसार दंपति ने पीड़ित लड़के को स्कूल में दाखिला दिलाने का वादा करके वर्ष 2018 में अमेरिका बुलाया था।
America News: अमेरिका में भारतीय मूल के एक सिख दंपति को एक रिश्तेदार को अपने स्टोर पर लंबे समय तक जबरन काम कराने, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने, धमकी देने और आव्रजन दस्तावेज जब्त करने के मामले में दोषी ठहराया गया है। एक अमेरिकी अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
न्याय विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि हरमनप्रीत सिंह (30) और कुलबीर कौर (43) को अपने नॉर्थ चेस्टरफील्ड के एक स्टोर में रिश्तेदार से कम वेतन पर जबरन काम कराने और अन्य आरोपों के लिए दोषी पाया गया है।
अदालत के दस्तावेज के अनुसार दंपति ने पीड़ित लड़के को स्कूल में दाखिला दिलाने का वादा करके वर्ष 2018 में अमेरिका बुलाया था। उस समय वह नाबालिग था। अभियोजकों ने बताया कि अमेरिका आने के बाद सिंह और कौर ने पीड़ित से आव्रजन दस्तावेज छीन लिये और उससे जबरन काम कराने लगे।
इसके अनुसार पीड़ित को कई दिन तक स्टोर के अंदर ही सोने के लिए मजबूर किया जाता था और उसे खाना तक नहीं दिया जाता था। जब उसने भारत लौटने की बात रखी तो ऐसा करने से करने से इनकार कर दिया तथा वीजा की अवधि से अधिक समय तक रुकने के लिए मजबूर किया।
अभियोजकों ने बताया कि जब पीड़ित ने अपने आव्रजन दस्तावेज मांगे और वहां से निकलने का प्रयास किया तो सिंह ने उसके साथ मारपीट भी की। कई बार जब पीड़ित ने छुट्टी लेने और स्टोर पर काम नहीं करने की इच्छा जताई तो सिंह ने बंदूक दिखाकर उसे धमकाया भी।.
अभियोजकों ने कहा कि दुर्व्यवहार और जबरन काम कराने का यह सिलसिला मार्च 2018 में शुरू हुआ और मई 2021 तक जारी रहा।.
न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ने कहा कि पीड़ित अमेरिका के स्कूल में पढ़ना चाहता था, उसकी इसी इच्छा और भरोसे का सिंह दंपति ने फायदा उठाया तथा फिर अपने लाभ के लिए उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।.
वर्जीनिया ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के लिए अमेरिकी अटॉर्नी जेसिका डी अबेर ने कहा, ‘‘ प्रतिवादी ने अपने लाभ के लिए पीड़ित को अमेरिका में पढ़ाई कराने का लालच दिया। यहां लाने के बाद उसका मानसिक और शारीरिक शोषण किया तथा अपमानजनक स्थिति में रहने के लिए मजबूर किया।’’
इस मामले में आठ मई को सजा सुनाई जाएगी। इस तरह के मामलों में अधिकतम 20 साल की जेल, पांच साल तक निगरानी में रिहाई, ढाई लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना और जबरन काम कराने के आरोप के लिए अनिवार्य क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।