अमेरिका और इजराइल ने मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि ब्राजील, जापान, म्यांमा और फ्रांस मतदान से दूर रहे।
संयुक्त राष्ट्र, 31 दिसंबर (भाषा) भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान गैर-हाजिर रहा, जिसमें फलस्तीनी क्षेत्र पर इजराइल के ‘लंबे समय से जारी कब्जे’ के कानूनी परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से राय मांगी गई है।.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘पूर्वी यरुशलम समेत फलस्तीन अधिकृत क्षेत्र में फलस्तीनी लोगों के मानवाधिकारों को प्रभावित करने वाली इजराइली गतिविधियों’ नामक मसौदा प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान हुआ। प्रस्ताव के पक्ष में 87, जबकि विरोध में 26 वोट पड़े। भारत समेत 53 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।.
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च न्यायिक निकाय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से इस मामले पर सलाह देने का अनुरोध किया गया है कि “1967 के बाद से फलस्तीनी क्षेत्र पर कब्जा करके, बस्तियां बसाकर और आक्रमण करके इजरायल द्वारा किए जा रहे फलस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के उल्लंघन के क्या परिणाम हो सकते हैं।”.
अमेरिका और इजराइल ने मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जबकि ब्राजील, जापान, म्यांमा और फ्रांस मतदान से दूर रहे।