जॉली ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ लोगों के कृत्यों को ‘‘पूरे समुदाय या कनाडा की सहमति नहीं है।’’
टोरंटो: कनाडा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पोस्टरों में भारतीय अधिकारियों का नाम होने पर भारत को उसके राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है और खालिस्तान की एक रैली से पहले प्रसारित हो रही ‘‘प्रचारात्मक सामग्री’’ को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया है।
कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन तथा अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों को ‘‘चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा’’ को तवज्जो न देने के लिए कहा है क्योंकि यह उनके रिश्तों के लिए ‘‘सही नहीं’’ है।
राजनयिकों की सुरक्षा के लिए कनाडा की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए जॉली ने वियना संधि के प्रति देश के अनुपालन का उल्लेख किया।. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना संधियों के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा आठ जुलाई को नियोजित एक प्रदर्शन के संबंध में ऑनलाइन प्रसारित हो रही कुछ प्रचारात्मक सामग्री को लेकर भारतीय अधिकारियों के करीबी संपर्क में है। यह प्रचारात्मक सामग्री अस्वीकार्य है।’’
जॉली ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ लोगों के कृत्यों को ‘‘पूरे समुदाय या कनाडा की सहमति नहीं है।’’ जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तानी पोस्टरों पर भारतीय राजनयिकों का नाम होने की खबरों के बारे में कहा है कि इस मुद्दे को कनाडा सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
नई दिल्ली में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के जनसम्पर्क अभियान कार्यक्रम से इतर जयशंकर ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि उनकी (खालिस्तानियों की) चरमपंथी, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए, न ही उनके लिये और न ही उनसे (उन देशों से) हमारे संबंधों के लिए ठीक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम पोस्टर के मुद्दे को वहां की (कनाडा की) सरकार के साथ उठायेंगे। मेरा मानना है कि अब तक ऐसा (कनाडा की सरकार के समक्ष मुद्दे को उठाने का काम) पहले ही किया जा चुका होगा।’’
भारत ने पिछले महीने ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर आने के बाद कनाडा पर अलगाववादियों एवं चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर निशाना साधा था।
जयशंकर ने इस पर कहा था कि खालिस्तान के मुद्दे पर कनाडा की प्रतिक्रिया उसकी ‘वोट बैंक की बाध्यताओं’ से प्रेरित नजर आती है और अगर ऐसी गतिविधियों से राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अखंडता पर प्रभाव पड़ता है तो भारत प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा।