'हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का नहीं रखा ध्यान', भारत ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल पर विरोध दोहराया

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'हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का नहीं रखा ध्यान', भारत ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल पर विरोध दोहराया
Published : Oct 20, 2023, 11:03 am IST
Updated : Oct 20, 2023, 11:03 am IST
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India reiterates protest over China's 'Belt and Road' initiative
India reiterates protest over China's 'Belt and Road' initiative

यह पहल जिनपिंग की अहम नीति है.

New Delhi:  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी पहल ‘बेल्ट एंड रोड’ पर भारत ने अपना विरोध जताया है. भारत ने गुरुवार को एक बार फिर चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) के प्रति अपना एतराज जताया क्योंकि इस परियोजना में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का ध्यान नहीं रखा गया है।

बता दें कि यह पहल जिनपिंग की अहम नीति है. इसके तहत चीनी कंपनियों ने व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में बंदरगाहों, सड़कों, रेलवे संबंधी सुविधाओं एवं बिजली संयंत्रों का निर्माण किया है, लेकिन इन परियोजनाओं के लिए चीन द्वारा दी गई ऋण की बड़ी रकम के कारण कुछ गरीब देश भारी कर्ज में डूब गए हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अतीत के विपरीत, इस साल के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ में चीन ने भारत को आमंत्रित नहीं किया है। बागची ने एक सवाल पर अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें इस साल कोई निमंत्रण मिला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बीआरआई पर, विशेष रूप से हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान नहीं दिखाए जाने के कारण भारत का रुख सर्वविदित और सुसंगत है।’’ बीआरआई की वैश्विक आलोचना बढ़ रही है। भारत बीआरआई की कड़ी आलोचना करता रहा है क्योंकि इस परियोजना में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।

बागची ने अपनी टिप्पणी में मई 2017 में नयी दिल्ली द्वारा जारी एक बयान का भी जिक्र किया, जब पहला ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ आयोजित किया गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस साल के ‘बेल्ट एंड रोड फोरम’ में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर, जबकि वह कुछ हफ्ते पहले नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे, बागची ने कहा कि भारत ‘‘जी20 भागीदारी को अन्य चीजों से नहीं जोड़ना चाहता।’’

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2013 में सत्ता में आने के बाद अरबों डॉलर की इस परियोजना की शरुआत की थी. दावा है कि यह परियोजना दक्षिणपूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को सड़क एवं समुद्र मार्ग से जोड़ेगी.

Location: India, Delhi, New Delhi

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