मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई : SC

खबरे |

खबरे |

मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई : SC
Published : Aug 1, 2023, 4:34 pm IST
Updated : Aug 1, 2023, 4:34 pm IST
SHARE ARTICLE
Photo
Photo

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि क्या महिलाओं को भीड़ को सौंपने वाले पुलिसकर्मियों से पूछताछ की गई.

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने संबंधी वीडियो को ‘‘बेहद परेशान’’ करने वाला बताते हुए मंगलवार को कहा कि घटना के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई।

जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में उस समय तनाव और बढ़ गया था जब पिछले सप्ताह एक वीडियो सामने आया जिसमें एक समुदाय के कुछ लोगों की भीड़ दूसरे समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाती नजर आई थी। घटना चार मई को हुई थी।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मौखिक टिप्पणी की, ‘‘एक चीज बहुत स्पष्ट है कि वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई।’’

सुनवाई शुरू होने पर मणिपुर सरकार ने पीठ को बताया कि उसने मई में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 6,523 प्राथमिकियां दर्ज कीं।

केंद्र तथा मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में राज्य पुलिस ने ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज की थी।.

मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि मणिपुर पुलिस ने वीडियो मामले में एक नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने पीठ को बताया कि ऐसा लगता है कि राज्य पुलिस ने घटना का वीडियो सामने आने के बाद महिलाओं के बयान दर्ज किए।

उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर पुलिस से नाराजगी जताते हुए कहा कि घटना की जांच बहुत सुस्त है और राज्य में कानून एवं व्यवस्था और संवैधानिक तंत्र पूरी तरह चरमरा गया है।

इसने कहा कि यह साफ है कि पुलिस ने राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर से नियंत्रण खो दिया है और अगर कानून एवं व्यवस्था तंत्र लोगों की रक्षा नहीं कर सकता तो नागरिकों का क्या होगा। इसने कहा कि राज्य पुलिस जांच करने में अक्षम है, उसने स्थिति से नियंत्रण खो दिया है।

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि क्या महिलाओं को भीड़ को सौंपने वाले पुलिसकर्मियों से पूछताछ की गयी।

इससे पहले, आज उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को मणिपुर में यौन उत्पीड़न से पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज न करने का निर्देश देते हुए कहा कि वह इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर अपराह्न दो बजे सुनवाई करेगा।.

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने महिलाओं की ओर से पेश वकील निजाम पाशा की दलीलों पर संज्ञान लिया। सीबीआई ने इन महिलाओं को आज अपने समक्ष पेश होने तथा बयान दर्ज कराने को कहा था।.

उच्चतम न्यायालय ने मणिपुर में संबंधित महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के वीडियो को सोमवार को “भयावह” करार देते हुए प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी की वजह का पता लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने जांच की निगरानी के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति या फिर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का सुझाव भी दिया था।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

हत्यारे सज्जन कुमार को चौक पर फाँसी दो, आजीवन कारावास तो बहुत कम

01 Mar 2025 5:36 PM

धाकड़ पुलिस अधिकारी की नशा तस्करों को सीधी चेतावनी, अब गांव में घुसकर दिखाएं | Punjab Against Drugs

28 Feb 2025 5:27 PM

बवासीर और कैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ पहली स्टेज से आखिरी स्टेज तक कैसे पहुँचती हैं?

28 Feb 2025 5:24 PM

महिला नशा तस्कर पर कार्रवाई करने वाले Sarpanch के पास आया CM Bhagwant Mann का फोन | Punjab Drugs Action

28 Feb 2025 5:23 PM

Babbu Maan की शायरी पर Troll करने वाले हो जाएं सावधान, दिया जवाब, कहा- अब ट्रोल किया तो...

27 Feb 2025 5:35 PM

दुनिया पर राज करने के लिए कौन सा धर्म सही? Elon Musk के Grok AI का जवाब - सिख धर्म! Sikhism in World

27 Feb 2025 5:33 PM