नोटबंदी का फैसला बहुत ही बड़ा था जिसके कारण नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं,जिस पर 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया.
New Delhi : 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार ने एक बड़ा पैसला लिया था वो था नोटबंदी का पैसला। इस फैसले से पुरे देश में खलबली सी मच गई थी लोग को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था। नोटबंदी के इस फैसले के तहत 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. और नए नोट बनवाये गए।
नोटबंदी का फैसला बहुत ही बड़ा था जिसके कारण इसका कइयों ने स्वागत किया तो कइयो ने इसका बहिस्कार किया। जिसके कारण नोटबंदी के फैसले के खिलाफ 58 याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिस पर 2 जनवरी यानी आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानि आज नोटबंदी पर अपना पैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा कि आर्थिक फैसलों को बदला नहीं जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह-मशविरा हुआ था. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी. इसलिए, उस अधिसूचना को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार का फैसला सही बताते हुए केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है।
साल 2016 में हुई थी नोटबंदी
केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक देश में नोटबंदी लागू की दी गई थी। इसके तहत 1000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था. इस फैसले के बाद पूरे देश को नोट बदलवाने के लिए लाइनों में लगना पड़ा था.