असम में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करने के साथ ही यहां जी20 की पहली बैठक बृहस्पतिवार को शुरू हुई।
गुवाहाटी : असम में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करने के साथ ही यहां जी20 की पहली बैठक बृहस्पतिवार को शुरू हुई। इस बैठक में सतत वित्तीय समाधानों पर चर्चा की जाएगी। सर्बानंद सोनोवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘गुवाहाटी की इस शानदार भूमि पर आज की बैठक यहां रहने वाली विभिन्न जाति व संस्कृति के समुदायों के लिए खास है...’’
राज्य भारत की एक साल की जी-20 की अध्यक्षता के तौर पर पहली सतत वित्तीय कार्यकारी समूह (एसएफडब्ल्यूजी) की बैठक तथा ‘यूथ- 20 इंसेप्शन’ कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है। एसएफडब्ल्यूजी की बैठक गुवाहाटी के एक होटल में हो रही है। इसमें जी-20 के सदस्य देशों, अतिथि देशों, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 95 अधिकारी सहित 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
सोनोवाल ने कहा, ‘‘दुनिया मूलभूत वैश्विक प्रणालियों के कमजोर पड़ने के कारण परेशान है, जिन्हें कोविड-19 वैश्विक महामारी ने काफी हद तक उजागर किया है... ऐसे में भारत की जी20 अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र 2030 सतत विकास लक्ष्यों (एसीडडीजी) को हासिल करने की प्रक्रिया के मध्यबिंदु पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है।’’.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारे राष्ट्र के लिए एक मौलिक मानसिकता बदलने और सामूहिक रूप से तथा एक साथ काम करके मानवता को फायदा पहुंचाने का सबसे उपयुक्त अवसर है।’’
असम से नाता रखने वाले केंद्रीय मंत्री ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी रेखांकित किया।
उन्होंने हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि स्थिरता व जलवायु संबंधी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए भारी मात्रा में वित्तीय संसाधनों और निवेश की आवश्यकता है। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत का जी20 का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख, निर्णायक तथा मानव-केंद्रित होने का वादा करता है। आइए हम भारत की जी20 अध्यक्षता को सद्भाव और आशा की अध्यक्षता बनाने के लिए साथ आएं।’’