रविवार की शाम को राजौरी जिले के एक गांव में आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।
श्रीनगर : कश्मीर में राजनीतिक नेताओं ने राजौरी में आतंकवादियों द्वारा पांच लोगों की हत्या किए जाने की सोमवार को निंदा की और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के चार साल बाद भी आतंकवाद को खत्म करने में विफल रहने के लिए उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन की आलोचना की।
रविवार और सोमवार को हुए हमलों की निंदा करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादी जिन पर हमले करते हैं, उनके बीच भेदभाव नहीं करते, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान। फारूक अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, “मैं निर्दोष व्यक्तियों की हत्या किए जाने की निंदा करता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पीड़ित किस धर्म या क्षेत्र से है, एक निर्दोष, निर्दोष होता है।”
उन्होंने कहा कि नफरत का माहौल बेकसूर लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, “राजौरी में पीड़ितों का क्या दोष था? या शोपियां में मारे गए कश्मीरी पंडितों का क्या दोष था?”
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के मुताबिक जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अनुच्छेद 370 के कारण है, लेकिन उनसे गलती हुई है।
उन्होंने कहा, “क्या वे आतंकवाद को खत्म करने में सफल रहे हैं? जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए चार साल बीत चुके हैं।”
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने रविवार की गोलीबारी की घटना के बाद मानक संचालन प्रक्रिया का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए अधिकारियों पर सवाल उठाया।
उन्होंने ट्वीट में कहा, “सुरक्षा बलों की ओर से इस स्पष्ट लापरवाही की जांच की जानी चाहिए और जवाबदेही तय की जानी चाहिए। अतीत के महंगे सबक ने हमें सिखाया है कि मुठभेड़ों/हमलों की जगहों को पूरी तरह सुरक्षित करना चाहिए, उसके बाद ही वहां ढील दी जानी चाहिए। राजौरी में इस एसओपी का पालन क्यों नहीं किया गया ?”
उन्होंने कहा, “जम्मू के राजौरी जिले में लक्षित इस हमले के बारे में अधिक जानकारी सामने आने के बाद स्तब्ध हूं। मैं स्पष्ट रूप से इस जघन्य हमले की निंदा करता हूं और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मुझे उम्मीद है कि इस हमले में घायल हुए लोग तेजी से और पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे।”
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी हत्याओं की निंदा की और क्षेत्र में आतंकवाद को समाप्त करने के अपने “फर्जी दावों” के लिए भाजपा पर हमला बोला।
उन्होंने ट्वीट किया, “इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना। भाजपा के शासन में होने और आतंकवाद खत्म करने के उसके “फर्जी दावों” के बावजूद, हिंसा बेरोकटोक जारी है। अगर जम्मू कश्मीर की अपनी चुनी हुई सरकार होती, तो यही मीडिया उन्हें आग के हवाले कर देता।”
मुफ्ती ने भाजपा पर हिंदुओं की मौत का राजनीतिक फायदा उठाने का भी आरोप लगाया और लोगों से भाईचारे की भावना बनाए रखने की अपील की। महबूबा मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में संवाददाताओं से कहा, “यहां हर दिन मुस्लिम मारे जाते हैं, लेकिन जब हमारे हिंदू भाई मारे जाते हैं, तो एक विशेष पार्टी देश भर में हिंदू-मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने के लिए इन घटनाओं का फायदा उठाती है।”
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने एक ट्वीट में कहा, “एक और नरसंहार। इस बार राजौरी में। इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हैं। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया।”
अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली अपनी पार्टी ने इसे “कायरतापूर्ण और नृशंस हमला” कहा।
पार्टी ने ट्वीट किया, “इस तरह के जघन्य कृत्यों की कड़े शब्दों में निंदा की जाती है। हम नागरिकों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और मृतकों की शांति और शोक संतप्त लोगों को शक्ति देने के लिए प्रार्थना करते हैं।”
जम्मू कश्मीर के डांगरी गांव में आतंकवादी हमले के पीड़ितों में से एक के घर के पास सोमवार को एक आईईडी विस्फोट में चार साल के एक बच्चे की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। घायलों में तीन बच्चे शामिल हैं।. एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, यह विस्फोट आतंकी हमले के पीड़ित प्रीतम लाल के घर के पास हुआ।
रविवार की शाम को राजौरी जिले के एक गांव में आतंकवादियों ने तीन मकानों पर गोलीबारी की, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।