"दूसरी शादी करने वाले पति को अपनी पहली पत्नी का भी रखना होगा ख्याल, देना होगा भरण-पोषण का खर्चा" : कलकत्ता हाई कोर्ट

खबरे |

खबरे |

"दूसरी शादी करने वाले पति को अपनी पहली पत्नी का भी रखना होगा ख्याल, देना होगा भरण-पोषण का खर्चा" : कलकत्ता हाई कोर्ट
Published : Aug 3, 2023, 1:00 pm IST
Updated : Aug 3, 2023, 1:00 pm IST
SHARE ARTICLE
 Man obliged to financially support first wife: Calcutta HC
Man obliged to financially support first wife: Calcutta HC

हाई कोर्ट ने कहा कि जो व्यक्ति दूसरी शादी करता है, वह अपनी पहली पत्नी की देखभाल करने के लिए बाध्य है।

कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जिस महिला ने किसी एक रिश्ते में कई साल बिताए हों, उसे अपने पति द्वारा देखभाल पाने का अधिकार है. दरअसल, सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पत्नी के भरण-पोषण और गुजारा भत्ता से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सेशन्स कोर्ट के भत्ता कम करने के आदेश को भी खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि जो व्यक्ति दूसरी शादी करता है, वह अपनी पहली पत्नी की देखभाल करने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जज ने कहा, 'जो व्यक्ति दूसरी बार (पर्सनल लॉ के तहत) शादी करता है, उसे 9 साल तक साथ रहने वाली पहली पत्नी का भरण-पोषण करना होगा।' याचिकाकर्ता (पहली पत्नी) ने पति से भरण-पोषण के लिए याचिका दायर की।

इसके साथ ही इस याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस शंपा दत्त (पाल) ने अतिरिक्त सत्र न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया. दरअसल, पहले के आदेश में मेंटेनेंस राशि 6000 रुपये से घटाकर 4000 रुपये करने का आदेश दिया गया था. याचिकाकर्ता पत्नी के मुताबिक, उनकी शादी 2003 में मुस्लिम रीति-रिवाज से हुई थी. उसने आरोप लगाया कि शादी के कुछ समय बाद उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और 2012 में उसे घर से निकाल दिया गया।  याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पति ने बाद में दूसरी शादी कर ली।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि एक महिला जिसने रिश्ते को नौ साल दिए हैं, वह अपने पति द्वारा देखभाल पाने की हकदार है। उन्होंने कहा कि जब तक पत्नी को जरूरत हो, पति को उसका ख्याल रखना चाहिए. 

2016 में, मालदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पति को प्रति माह 6,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। इस पर पति ने साल 2019 में अपील दायर की और सेशन्स जज ने रकम घटाकर 4000 रुपये कर दी. कहा गया कि यह रकम इसलिए कम की गई क्योंकि पति की आय पर्याप्त नहीं थी.

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

बवासीर और कैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ पहली स्टेज से आखिरी स्टेज तक कैसे पहुँचती हैं?

28 Feb 2025 5:24 PM

महिला नशा तस्कर पर कार्रवाई करने वाले Sarpanch के पास आया CM Bhagwant Mann का फोन | Punjab Drugs Action

28 Feb 2025 5:23 PM

Babbu Maan की शायरी पर Troll करने वाले हो जाएं सावधान, दिया जवाब, कहा- अब ट्रोल किया तो...

27 Feb 2025 5:35 PM

दुनिया पर राज करने के लिए कौन सा धर्म सही? Elon Musk के Grok AI का जवाब - सिख धर्म! Sikhism in World

27 Feb 2025 5:33 PM

'हमारा गांव नशे की मंडी बन गया है; चिट्टा, खसखस, अफ़ीम से लेकर मेडीकल नशा तक, जो चाहो ले आओ'

27 Feb 2025 5:31 PM

इन लोगों की जिद ने रोक रखा है नेशनल हाईवे का काम, जब तक मुआवजा नहीं मिलता...

26 Feb 2025 5:56 PM