'अध्यक्ष के निर्देशों' में 'निर्देश-1' में एक नया खंड जोड़ा है, जो नियमों का हिस्सा नहीं था।
Parliament News: लोकसभा के कुछ सदस्यों द्वारा शपथ के दौरान नारेबाजी करने के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने नियम में संशोधन किया है, जिसके मुताबिक निर्वाचित सांसद सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय कोई भी अतिरिक्त टिप्पणी नहीं कर सकते। बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए 'अध्यक्ष के निर्देशों' में 'निर्देश-1' में एक नया खंड जोड़ा है, जो नियमों का हिस्सा नहीं था।
'निर्देश-1' में संशोधन के अनुसार, नया खंड-तीन अब यह कहता है कि एक सदस्य शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा और "शपथ के रूप में उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में किसी भी शब्द का उपयोग या अभिव्यक्ति नहीं करेगा अथवा कोई टिप्पणी नहीं करेगा।
बता दे कि यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों द्वारा "जय संविधान" और "जय हिंदू राष्ट्र" जैसे नारे लगाने की पृष्ठभूमि में आया है। एक सदस्य ने 'जय फलस्तीन' का नारा भी लगाया था, जिस पर भी कई सदस्यों ने आपत्ति जताई थी।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से शपथ लेते समय निर्धारित प्रारूप पर कायम रहने का आग्रह किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया था कि कई सदस्यों ने शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने के महत्वपूर्ण अवसर का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश भेजने के लिए किया।
(For More News Apart fromMPs will no longer be able to raise slogans during the oath taking ceremony in Lok Sabha, Stay Tuned To Rozana Spokesman)