जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है
New Delhi: कांग्रेस ने मणिपुर की स्थिति को लेकर बुधवार को केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के इस प्रदेश में हिंसा का दौर जारी है, लेकिन 'डबल इंजन' सरकार की नजरों में हालात सामान्य हैं। कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर ऐसे समय में निशाना साधा है, जब मणिपुर के सभी पांच घाटी जिलों में मंगलवार शाम से एहतियाती तौर पर एक बार फिर पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हो रहा है, जबकि इंफाल घाटी के सभी पांच जिले अगले पांच दिनों के लिए पूर्ण कर्फ्यू में रहेंगे। हिंसा का दौर चार महीने बाद भी जारी है, लेकिन मोदी सरकार की 'डबल इंजन' सरकार के लिए मणिपुर में हालात 'सामान्य' हैं।"
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में मई की शुरुआत में जातीय हिंसा भड़क गई थी, जिसमें अब तक 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत से कुछ अधिक है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।