पीठ ने कानूनी सवाल को खुला रखते हुए कहा कि दिल्ली और नोएडा में मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर जनता कर रही है।
New Delhi : नोएडा मेट्रो रेल परियोजना का काम पूरा हो जाने और इस लाइन पर काफी समय से मेट्रो ट्रेन के संचालन का संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण मंजूरी के अभाव में इस लाइन पर परिचालन रोकने से इनकार कर दिया है।
शीर्ष अदालत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के 31 मई, 2016 के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निर्देश दिया गया था कि सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को उचित पर्यावरण प्रभाव आकलन के बाद पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता है।.
न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कानूनी सवाल को खुला रखते हुए कहा कि दिल्ली और नोएडा में मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर जनता कर रही है।
पीठ ने कहा, "यह देखते हुए कि जब सम्पूर्ण मेट्रो रेल परियोजना पूरी हो चुकी है और मेट्रो रेल चल रही है, तो फिर अतीत में लौटा नहीं जा सकता और यह व्यापक जनहित में होगा भी नहीं। इन परिस्थितियों में हम कानून के सवालों को खुला रखते हुए वर्तमान अपीलों का निपटारा करते हैं।"
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले के विशेष तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए एनजीटी के आदेश पर कार्रवाई नहीं की जा सकती।.
एनजीटी ने माना था कि सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को उचित पर्यावरण प्रभाव आकलन करने के बाद पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता होती है।. एनजीटी का आदेश पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड की ओर से दायर एक याचिका पर पारित किया गया था।.