Menstrual Leave News: 'महिलाओं को मिलनी चाहिए पीरियड लीव' याचिका पर SC ने पूछा, क्या कोई आदर्श नीति बन सकती है?

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Menstrual Leave News: 'महिलाओं को मिलनी चाहिए पीरियड लीव' याचिका पर SC ने पूछा, क्या कोई मॉडल नीति बन सकती है?
Published : Jul 8, 2024, 1:38 pm IST
Updated : Jul 9, 2024, 2:14 pm IST
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Menstrual Leave News in hindi
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याचिकाकर्ता को अपनी याचिका के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समक्ष जाने के लिए कहा।

Supeme Court On Menstrual Leave News: महिलाओं को पीरियड अवकाश देने के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नीति बनाने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने महिला कर्मचारियों के लिए पीरियड लीव की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, लेकिन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को इस संबंध में एक मॉडल नीति को अंतिम रूप देने के लिए सभी हितधारकों और राज्यों के साथ बातचीत करने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि  इस तरह की छुट्टी अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेगी। उसने कहा कि इस तरह की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाएं “कार्यबल से दूर हो जाएंगी।...हम ऐसा नहीं चाहते।”इसमें कहा गया है कि हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए जो करने की कोशिश करते हैं, वह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह वास्तव में सरकारी नीति का एक पहलू है और अदालतों को इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह एक नीतिगत निर्णय है जिसमें केंद्र और राज्य शामिल हो सकते हैं और याचिकाकर्ता को अपनी याचिका के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के समक्ष जाने के लिए कहा।
 

हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ता और वकील शैलेंद्र त्रिपाठी की तरफ से पेश वकील राकेश खन्ना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव तथा अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के पास जाने की अनुमति दे दी।

पीठ ने निर्देश दिया, “हम सचिव से अनुरोध करते हैं कि वह इस मामले पर नीतिगत स्तर पर विचार करें और सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद निर्णय लें तथा देखें कि क्या एक मॉडल नीति बनाई जा सकती है।” शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर राज्य इस संबंध में कोई कदम उठाते हैं, तो केंद्र की परामर्श प्रक्रिया उनके रास्ते में नहीं आएगी।

न्यायालय ने इससे पहले देशभर में छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश देने का अनुरोध करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने तब कहा था कि चूंकि, यह मुद्दा नीतिगत है, इसलिए केंद्र को एक अभ्यावेदन सौंपा जा सकता है। वरिष्ठ वकील ने कहा कि अभी तक केंद्र की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है।

(For More News Apart from Menstrual Leave News in hindi, Stay Tuned To Rozana Spokesman)


 

Location: India, Delhi, New Delhi

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