हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ता को नीति-स्तरीय विचार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करने का सुझाव दिया।
Supeme Court On Menstrual Leave News: सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐसी नीतियों को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए, न कि न्यायपालिका द्वारा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने चिंता व्यक्त की कि मासिक धर्म की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाओं को कार्यबल से बाहर किया जा सकता है। हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ता को नीति-स्तरीय विचार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संपर्क करने का सुझाव दिया।
बता दे कि वर्तमान में, केवल बिहार और केरल में मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान है, जिसमें क्रमशः दो और तीन दिन की छुट्टी दी
जाती है। यह निर्णय राज्य सरकारों को मासिक धर्म अवकाश नीतियों को स्वतंत्र रूप से लागू करने से नहीं रोकता है।
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