बृजभूषण और सह-आरोपी एवं डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ “प्रथम दृष्टया” मामला बनता है।
New Delhi : दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक मेट्रोपोलिटन अदालत को बताया कि महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
शहर पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल को बताया कि बृजभूषण और सह-आरोपी एवं डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ “प्रथम दृष्टया” मामला बनता है।
पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया, “आरोपी व्यक्तियों पर उन अपराधों के लिए आरोप लगाया जाना चाहिए, जिनके लिए उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।”
उन्होंने कहा कि बृजभूषण के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अदालत अब इस मामले की सुनवाई 19 अगस्त को करेगी, जब शिकायतकर्ताओं के वकील आरोप के बिंदु पर दलीलें दे सकते हैं।
मेट्रोपोलिटन अदालत ने 20 जुलाई को बृजभूषण और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिसमें अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ना और गवाहों को कोई प्रलोभन नहीं देना शामिल था।दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को आरोप पत्र दायर किया था.