उन्होंने दावा किया, "रिपोर्ट में अवसंरचना और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया गया था।
New Delhi: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राजमार्ग परियोजनाओं और आयुष्मान भारत योजना में कथित घोटालों का खुलासा करने वाले अधिकारियों को धमका रही है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के उन तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है जिन्होंने इन परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन अधिकारियों के तबादले का आदेश रद्द किया जाए।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मोदी सरकार सच को छुपाने और डराने-धमकाने के लिए माफ़िया की तरह काम करती है। यदि कोई उसके भ्रष्टाचार के तौर-तरीकों को सामने लाता है, तो या तो उसे धमकी दी जाती है या हटा दिया जाता है। उसके ताज़ा शिकार कैग के तीन अधिकारी हैं, जिन्होंने संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर घोटालों का ख़ुलासा किया था।"
उन्होंने दावा किया, "रिपोर्ट में अवसंरचना और सामाजिक योजनाओं में घोटाले को उजागर किया गया था। रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेसवे में 1400 प्रतिशत लागत बढ़ने और निविदा में धांधली की बात सामने आई थी। साथ ही साथ राजमार्ग परियोजनाओं में 3,600 करोड़ रुपये की हेराफेरी, दोषपूर्ण बोली प्रक्रिया और भारतमाला योजना की लागत 60 प्रतिशत बढ़ने की बात भी रिपोर्ट में थी। इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत योजना के ऑडिट में मृत मरीज़ों के लाखों दावे और कम से कम 7.5 लाख लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए।"
उन्होंने कहा कि अब, आयुष्मान भारत और द्वारका एक्सप्रेसवे घोटालों पर रिपोर्टिंग के प्रभारी, कैग के तीन अधिकारियों का मोदी सरकार में फैले भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तबादला कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह तब हुआ है जबकि कैग को एक स्वतंत्र निकाय माना जाता है। रमेश ने सरकार से आग्रह किया, "हमारी मांग है कि तबादले के इन आदेशों को तुरंत रद्द किया जाए, अधिकारी कैग वापस जाएं और द्वारका एक्सप्रेसवे, भारतमाला और आयुष्मान भारत से जुड़े इन महाघोटालों पर कार्रवाई हो।"