IUML ने याचिका में कहा गया है कि नागरिकता कानून के तहत कुछ धर्मों के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी, जो संविधान के खिलाफ है।
-सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून के खिलाफ याचिका दायर
- इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की तरफ से याचिका दायर
- कानून पर रोक लगाने की मांग
Muslim League Iuml Files Plea Against Caa In Supreme Court Demand to stop News In Hindi: लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) लागू कर दिया है. CAA से जुड़ा नोटिफिकेशन सोमवार (11 मार्च) को जारी किया गया. वहीं अब इसको लेकर विरोध होना भी शुरू हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून के खिलाफ याचिका दायर किया गया है. जिसमें इस पर रोक लगाने की मांग की गई है.
बता दें कि यह साचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने दायर करवाई है. IUML ने याचिका में कहा गया है कि नागरिकता कानून के तहत कुछ धर्मों के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी, जो संविधान के खिलाफ है। ऐसे में IUML ने नागरिकता संशोधन नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
सीएए कानून का विरोध क्यों?
बता दें कि इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम (हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी) शरणार्थियों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे को भारत की नागरिकता मिल जाएगी. यह सीएए कानून साल 2019 में बनाया गया था. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव कर रहा हैं., जो देश के संविधान का उल्लंघन है।
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