अदालत ने छह अक्टूबर को कहा था कि बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं।
New Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के मामले में शुक्रवार को अपना फैसला 18 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवीन्द्र कुमार पांडे ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
अदालत ने छह अक्टूबर को कहा था कि बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं। उसने अतिरिक्त दलीलों या स्पष्टीकरण के लिए सुनवाई 13 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी थी। सौम्या विश्वनाथन 30 सितंबर, 2008 को देर रात अपनी कार से घर लौट रही थी, उसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि उनकी हत्या का मकसद लूटपाट था। हत्या के सिलसिले में पांच लोगों रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक, अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया था और वे मार्च 2009 से हिरासत में हैं।
पुलिस ने आरोपियों पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध रोकथाम अधिनियम (मकोका) लगाया था। मलिक एवं दो अन्य आरोपी रवि कपूर और अमित शुक्ला को 2009 में आईटी पेशेवर जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी करार दिया जा चुका है।
पुलिस ने कहा था कि जिगिशा घोष की हत्या में इस्तेमाल हथियार की बरामदगी के बाद विश्वनाथन की हत्या के मामले का खुलासा हुआ। निचली अदालत ने 2017 में जिगिशा घोष हत्या मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा और मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, अगले वर्ष, उच्च न्यायालय ने जिगिशा हत्या मामले में कपूर और शुक्ला की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था और मलिक की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था।