मधुरा स्वामीनाथन ने किसानों का समर्थन करते हुए एक कार्यक्रम में किसानों के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा की।
Bharat Ratna M.S. Swaminathan's daughter Madhura Swaminathan supported the farmers' Delhi Chalo march: किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करना निंदनीय है' ये शब्द एग्रीकल्चर साइंटिस्ट और भारत रत्न प्राप्त करने वाले एमएस स्वामीनाथन की बेटी मधुरा स्वामीनाथन ने कही है. बता दें कि मधुरा स्वामीनाथन ने किसानों का समर्थन करते हुए एक कार्यक्रम में किसानों के साथ किए जा रहे व्यवहार की निंदा की।
गौर हो कि किसान एमएसपी के लिए कानून बनाने समेत अपने अन्य कई मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने 13 फरवरी 2024 मंगवार से दिल्ली कूच का आवाह्न किया जिसका आज दूसरा दिन है. किसान दिल्ली की और बढ़ रहे हैं वहीं प्रशासन उन्हें रोकने की कोशिश में उनपर लागातार आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं. रिपोर्ट्स है कि कुछ किसान इसमें घायल भी हुए हैं.
किसान अपराधी नहीं हैं... मधुरा स्वामीनाथन
इस बीच कई लोग किसानों के समर्थन में आ रहे हैं. वहीं रत रत्न प्राप्त एमएस स्वामीनाथन की बेटी ने भी किसान के दिल्ली कूच का समर्थन किया है. उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (Indian Agricultural Research Institute) के एक कार्यक्रम में कहा कि किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं और प्रशासन उनके लिए जेल तैयार कर रही है.बैरिकैड्स लगा रही है. उन्हें रोकने के लिए और भी कई चींजे की जा रही है. स्वामीनाथन ने आगे कहा कि ये किसान है कोई अपराधी नहीं. उन्होंने मामले में संवाद और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया और वैज्ञानिकों से किसानों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसान अपराधी नहीं हैं बल्कि समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। हम उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं कर सकते. बल्कि हमें इसका समाधान ढूंढना चाहिए.
किसानों की केंद्र सरकार से कई मांगें..
बता दें कि किसान अपनी कई मांगो को लेकर दिल्ली कूच पर है। जिसमें किसानों की कई प्रमुख मांगे है, जिसमें सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी अधिनियम बनाया जाए, किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी, लखीमपुर खीरी हत्या मामले में न्याय के साथ समझौते के अनुसार घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग, दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज मामले रद्द किए जाने की मांग के साथ किसान कई अन्य मांगो को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे हैं।