'Electoral Bonds असंवैधानिक...' सुप्रीम कोर्ट ने बॉन्ड स्कीम पर लगाई रोक, सरकार को बड़ा झटका

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'Electoral Bonds असंवैधानिक...' सुप्रीम कोर्ट ने बॉन्ड स्कीम पर लगाई रोक, सरकार को बड़ा झटका
Published : Feb 15, 2024, 12:14 pm IST
Updated : Feb 15, 2024, 12:43 pm IST
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supreme court verdict on electoral bonds scheme latest news in hindi
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. 

Electoral Bonds Scheme is Unconstitutional, Says Supreme Court News In Hindi: देश में लोकसभा चुनाव करीब है, जिसका ऐलान जल्द ही होने वाला है. वहीं इससे पहले चुनावी इलेक्टोरल बॉन्ड्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. दरहसल सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार दिया है और उस पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने सरकार से दूसरे विकल्प पर विचार करने को कहा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की 5 जजों की बेंच ने चुनावी बॉन्ड  पर यह फैसला सुनाया है।

 सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना की आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले फंड के बारे में जानकारी हासिल करना बेहद जरूरी है. चुनावी बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन है. 

इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की 5 जजों की पीठ के दो अलग-अलग विचार थे। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने पिछले साल 2 नवंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।

इसके साथ ही कोर्ट ने सभी पार्टियों से 6 मार्च तक  पिछले पांच सालों के चंदे का हिसाब-किताब भी मांगा है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण इकाइयां हैं. राजनीतिक फंडिंग के बारे में जानकारी वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मतदाता को अपना वोट डालने का सही विकल्प मिलता है। मतदाताओं को चुनावी फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है, ताकि वे वोट देने का सही विकल्प चुन सकें। कोर्ट ने कहा 'राजनीतिक दलों को बड़े चंदे की गोपनीयता असंवैधानिक है।' बता दें कि मामला राजनीतिक दलों को गुप्त तरीके से चंदा देने की अनुमति वाले इलेक्टोरल बॉन्ड योजना से जुड़ा है। 

 क्या है  इलेक्टोरल बॉन्ड योजना

योजना की शुरुआत 2018 में हुई थी.  चुनावी बॉन्ड योजना के अनुसार, भारत का कोई भी व्यक्ति, कॉरपोरेट और संस्थाएं चुनावी बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में देती है और राजनीतिक दल इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल करते है. 

आसान भाषा में कहे तो इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय तरीका है। यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से दान कर सकता है।

(For more news apart from Electoral Bonds Scheme is Unconstitutional, Says Supreme Court News In Hindi, stay tuned to Rozana Spokesman)

Location: India, Delhi, New Delhi

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ROZANASPOKESMAN

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