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इसरो का कहना है कि लैंडर में चार मुख्य थ्रस्टर हैं जो इसे चंद्रमा की सतह पर उतरने में सक्षम बनाएंगे।
नई दिल्ली- भारत का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान 3 आज एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया। लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान से अलग हो गया है. इसरो के मुताबिक, लैंडर 23 अगस्त को शाम 5.45 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरने की कोशिश करेगा. इससे पहले चंद्रयान 3 पांचवीं और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया था ।
लैंडिंग के बाद लैंडर से छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा जो एक चंद्र दिवस यानी धरती के 14 दिन वहां प्रयोग करेगा। वहीं, एक और दिलचस्प बात ये है कि दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि भारत का चंद्रयान 3 और रूस का लूना-25 में से किसका मिशन चांद पर पहले लैंड करेगा.
प्रणोदन से अलग होने के बाद, लैंडर की प्रारंभिक जांच की जाएगी। इसरो का कहना है कि लैंडर में चार मुख्य थ्रस्टर हैं जो इसे चंद्रमा की सतह पर उतरने में सक्षम बनाएंगे।
इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘‘लैंडर मॉड्यूल ने कहा, यात्रा के लिए धन्यवाद, दोस्त। लैंडर मॉड्यूल, प्रणोदन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। कल लैंडर मॉड्यूल के भारतीय समयानुसार करीब चार बजे डीबूस्टिंग (धीमा करने की प्रक्रिया) से गुजरते हुए चंद्रमा की थोड़ी निचली कक्षा में उतरने की संभावना है।’’
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। इसके बाद इसने छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया तथा उसके और निकट पहुंचता गया।
जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ता गया तो इसरो ने चंद्रयान-3 की कक्षा को धीरे-धीरे घटाने और उसे चंद्रमा के ध्रुव बिंदुओं पर तैनात करने की प्रक्रियाओं को अंजाम दिया।.
अंतरिक्ष यान के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।.