भर्ती परीक्षा 15 भाषाओं में कराने का निर्णय लिया है ताकि देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूके।
New Delhi: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने सरकारी नौकरियों के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी )द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षा 15 भाषाओं में कराने का निर्णय लिया है ताकि देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूके।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की 14वीं हिंदी सलाहकार समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक निर्णय स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगा। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘हाल ही में 15 भारतीय भाषाओं में सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है ताकि भाषा की बाधा के कारण देश का कोई भी युवा नौकरी के अवसर से न चूके।’’
उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में भी होंगे। एसएससी द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों से अधिक समय में आधिकारिक भाषा हिंदी के अलावा भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।’’
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से लाखों अभ्यर्थी अपनी मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा दे सकेंगे। सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से एसएससी परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी।