पाकिस्तान में अब तक एमपॉक्स वायरस के कम से कम तीन मरीज पाए गए हैं।
Mpox Virus: दुनिया कुछ समय पहले ही कोविड-19 वायरस के खतरे से बाहर निकली थी लेकिन अब एक और वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। इस वायरस का नाम एमपॉक्स है, जिसके कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। स्वास्थ्य एजेंसी ने इसे 'ग्रेड 3 आपातकाल' के रूप में वर्गीकृत किया है जिसका अर्थ है कि इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
जनवरी 2023 से अब तक इसके 27,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और लगभग 1100 मौतें हुई हैं। कांगो के कुछ हिस्सों के अलावा, यह वायरस अब पूर्वी कांगो से रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या तक फैल गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब तक 100 से ज्यादा देशों में इस वायरस के पीड़ित पाए जा चुके हैं।
अभी तक एम्पोक्स वायरस के मामले केवल अफ्रीका में ही पाए जाते थे, लेकिन अब इसके मामले अफ्रीका के बाहर भी मिलने लगे हैं। भारत के पड़ोस देश यानी पाकिस्तान में भी इसका एक मामला सामने आया है.
पाकिस्तान में अब तक एमपॉक्स वायरस के कम से कम तीन मरीज पाए गए हैं। शुक्रवार को यह बात सामने आई। पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्पॉक्स के पहले मामले की पुष्टि की थी जिसमें एक 34 वर्षीय व्यक्ति में एम्पॉक्स के लक्षण पाए गए हैं और पेशावर स्थित खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने इसकी पुष्टि की। मरीज 3 अगस्त को सऊदी अरब से पाकिस्तान लौटा था और पेशावर पहुंचने के तुरंत बाद उसमें लक्षण विकसित हुए।
तीनों मरीज उत्तर-पश्चिम में स्थित खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के हैं, जो अफगानिस्तान की सीमा से लगा उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र है। संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, जिस आखिरी मरीज में यह वायरस पाया गया था, वह खैबर पख्तूनख्वा के मर्दान जिले का है।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उक्त मरीज एमपॉक्स के किस स्वरूप से पीड़ित है और क्या यह वही स्वरूप है जिसकी पुष्टि सबसे पहले अफ्रीका के बाहर स्वीडन में हुई थी। प्रवक्ता ने कहा, “प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना शुरू कर दिया गया है और अधिक लोगों के नमूने प्राप्त किए जा रहे हैं।” अधिकारियों ने बताया कि तीनों मरीजों को पृथकवास में रखा जा रहा है तथा उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है।
पाकिस्तान में एमपॉक्स के मिले मामले एशिया में इस रोग की दस्तक है और यह अधिक आसानी से फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा एमपॉक्स के प्रसार को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीका के कुछ हिस्सों में एमपॉक्स के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा घोषित किया है। अत्यधिक संक्रामक रोग, जिसे पहले ‘मंकीपॉक्स’ के नाम से जाना जाता था, ने कांगो गणराज्य में कम से कम 450 लोगों की जान ले ली। यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है, जो कि चेचक के समान ही विषाणुओं के समूह से संबंधित है, लेकिन कम हानिकारक है। यह वायरस मूल रूप से जानवरों से मनुष्यों में फैलता था, लेकिन अब यह मनुष्यों से मनुष्यों में भी फैल रहा है। ( pti इनपुट के साथ)
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