सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिनको मां गंगा ने बुलाया था, उन्होंने तो मां गंगा को ही नहीं बख्शा।
New Delhi: कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलना शुरू कर दिया था, लेकिन उसके पुरजोर विरोध के बाद सरकार ने अपना फैसला बदल दिया। पार्टी प्रवक्ता और कांग्रेस की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि सरकार ने झूठ बोला था कि गंगाजल पर जीएसटी नहीं है, जबकि आठ अगस्त 2023 और तीन अक्टूबर 2023 को सरकारी आदेश के जरिये जीएसटी लगाया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गत 12 अक्टूबर को दावा किया था कि केंद्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाया है जो लूट और पाखंड की पराकाष्ठा है।
इसके बाद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि गंगाजल पर कोई जीएसटी नहीं लगता है। सुप्रिया श्रीनेत ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिनको मां गंगा ने बुलाया था, उन्होंने तो मां गंगा को ही नहीं बख्शा। लेकिन एक बार फिर कांग्रेस की वजह से मोदी सरकार को बैकफ़ुट पर आ कर अपने निर्णय को वापस लेना पड़ा और अपनी गलती का सुधार करना पड़ा। ’’
उनके अनुसार, ‘‘ केंद्र सरकार की ‘गंगाजल आपके द्वार योजना’ 2016 में शुरू हुई थी। डाक विभाग गंगोत्री के गंगाजल की 250 मिलीलीटर की बोतल उपलब्ध करा रहा है जिसकी कीमत 30 रुपये है, 18 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद इसकी कीमत 35 रुपये हो गई थी। डाक विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परिमंडल देहरादून से आदेश जारी होने के बाद गंगाजल बढ़े हुए दामों के साथ उपलब्ध कराया जा रहा था।’’.
उन्होंने भारतीय डाक विभाग का 18 अगस्त का एक ट्वीट साझा करते हुए दावा किया कि आठ अगस्त, 2023 और तीन अक्टूबर, 2023 को सरकार ने आदेश जारी करके गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया।
सुप्रिया ने कहा, ‘‘भाजपा के लोगों ने पहले जमकर भ्रम फैलाया कि यह ग़लत है फिर धीरे से भारतीय डाक विभाग की वेबसाइट से, लिखा हुआ 18 प्रतिशत जीएसटी हटा दिया गया। पर सच कहां छुपाये छुपता है। जीएसटी प्राधिकरण के आदेश में कहा गया है कि आठ अगस्त और तीन अक्टूबर का आदेश निरस्त किया जाता है और गंगाजल पर जीएसटी नहीं होगा।’’