6 पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई.
New Delhi: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में यहां की एक अदालत ने दो दिन की अंतरिम जमानत दी है। बृजभूषण को ये जमानत 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर मिली है. 6 पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई. नियमित जमानत पर सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
इस मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है;...
- 23 अप्रैल, 2023: महिला पहलवानों ने सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
- 25 अप्रैल: उच्चतम न्यायालय ने सात पहलवानों की याचिका पर गौर करने के बाद दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।
- 28 अप्रैल: दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज कीं।
- 4 मई: उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए मामला बंद कर दिया कि प्राथमिकी दर्ज हो गई हैं। अदालत ने पुलिस को शिकायतकर्ता पहलवानों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया।
- 28 मई: सुरक्षा कर्मियों के साथ हाथापाई के बाद कुछ शिकायतकर्ता पहलवानों के साथ-साथ अन्य प्रदर्शनकारियों पर दंगा करने और लोक सेवकों के कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया।
- 15 जून: दिल्ली पुलिस ने सिंह और डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया। इसके अलावा, पुलिस ने सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने की रिपोर्ट दायर की।
- 4 जुलाई: एक सत्र अदालत ने मामला रद्द करने की रिपोर्ट पर नाबालिग पहलवान और उसके पिता से जवाब मांगा।
- 7 जुलाई: दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाबालिग पहलवान को अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग से संबंधित अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
- 7 जुलाई: दिल्ली की एक अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया और सिंह व तोमर को 18 जुलाई को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।
- 18 जुलाई: सिंह और तोमर अदालत में पेश हुए, दो दिन की अंतरिम जमानत मिली। अदालत ने उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की है।