मोदी ने परिसंपत्ति निर्माण के लिए मनरेगा बजट के एक हिस्से का उपयोग करने पर भी जोर दिया।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भाजपा के 'जिला पंचायत' सदस्यों से विभिन्न विकास पहलों को जन-आंदोलन बनाने के लिए काम करने का आग्रह किया और कहा कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए ''हर गांव, तहसील और जिले में विकास का दीपक जलाना है।'' गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के स्थानीय निकाय सदस्यों की "क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद" को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास’ भाजपा के लिए केवल एक नारा नहीं है और उन्हें इसे हर पल आत्मसात करना चाहिए।
यह सम्मेलन दादर और नगर हवेली और दमन एवं दीव में आयोजित किया जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में अपने अनुभव का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि स्थानीय निकायों में विभिन्न पदों पर कार्यरत लोगों को प्राथमिकता के तौर पर अपने गांवों और जिलों के लिए कुछ काम करना चाहिए तथा लोगों का समर्थन प्राप्त करके इसे सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।
मोदी ने कहा कि केंद्र में सत्ता में आने पर उन्होंने शौचालय बनाने और गरीबों के लिए बैंक खाते खोलने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने जिला पंचायत सदस्यों से हर साल तीन परियोजनाओं को प्राथमिकता के तौर पर लेने के लिए बैठकें आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों के लिए कोष कई गुना बढ़ गया है और संसाधन कोई बाधा नहीं हैं।
मोदी ने परिसंपत्ति निर्माण के लिए मनरेगा बजट के एक हिस्से का उपयोग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "पहले, अनुदान 70,000 करोड़ रुपये हुआ करता था, लेकिन अब यह तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक है। हमने 30,000 से अधिक जिला पंचायत भवनों का निर्माण किया है।" यह उल्लेख करते हुए कि स्थानीय निकायों के भाजपा सदस्य इसी तरह की कार्यशालाएं आयोजित करते रहे हैं, मोदी ने कहा कि पार्टी चुनाव जीतने के लिए ऐसा नहीं कर रही, बल्कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने की दिशा में काम कर रही है।
मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने द्वारा घोषित ‘विश्वकर्मा योजना’ का उल्लेख करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से गांवों में पारंपरिक कारीगरों की सूची बनाने और उनकी मदद करने के तरीके सुझाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "...प्रत्येक गांव में पारंपरिक कारीगर होते हैं जो गांव की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। वे अपना काम एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में करते हैं। ऐसे समाजों में कोई आपराधिक गतिविधियां नहीं होती हैं क्योंकि लोग सद्भाव से रहते हैं। हम उन्हें सशक्त बनाना चाहते हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, ''कौशल विकास में मदद करने और अन्य प्रभावी औजार प्रदान करने के लिए एक बजट आवंटित किया गया है।'' उन्होंने कहा कि यह योजना 17 सितंबर को एक बड़े कार्यक्रम में शुरू की जाएगी।