इसमें कहा गया, ‘‘मोदी नूंह से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर लाल किले की प्राचीर से अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की निंदा कर रहे थे,...
New Delhi: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वतंत्रता दिवस भाषण ‘‘जहरीली राजनीति का प्रदर्शन’’ था। पार्टी ने साथ ही दावा किया कि तुष्टीकरण के खिलाफ प्रधानमंत्री की टिप्पणियां स्पष्ट संकेत थीं कि लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण उनके एजेंडे में होगा।
पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के ताजा संपादकीय में कहा गया, ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति पर हमला स्वतंत्रता दिवस के भाषण में नई बात है और अशुभ है। तुष्टीकरण का अर्थ है अल्पसंख्यक तुष्टीकरण। मोदी के अनुसार, इस तुष्टीकरण ने राष्ट्रीय चरित्र पर धब्बा लगाया है और सामाजिक न्याय को नुकसान पहुंचाया है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘मोदी नूंह से सिर्फ 70 किलोमीटर दूर लाल किले की प्राचीर से अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की निंदा कर रहे थे, जहां कुछ दिन पहले ही बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें मुसलमानों को हिंदुत्ववादी गुंडों के हमलों का खामियाजा भुगतना पड़ा और उन्हें राज्य प्रशासन द्वारा निशाना बनाया गया।’’ इसमें आगे कहा गया है कि मोदी द्वारा ऐसे समय में अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की निंदा करना, जब प्रशासन द्वारा मुस्लिमों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया, एक ‘‘स्पष्ट संकेत है कि लोकसभा चुनावों से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण उनके एजेंडे में होगा।’’
संपादकीय में आरोप लगाया गया, ‘‘कुल मिलाकर, नरेन्द्र मोदी का 10वां स्वतंत्रता दिवस भाषण, भाजपा-आरएसएस गठबंधन की जहरीली राजनीति का प्रदर्शन था।’’