दुबे ने इस फैसले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर करते हुए लिखा, ''सत्यमेव जयते.
Lokpal orders CBI probe against Mahua Moitra News In Hindi: भारत के लोकपाल ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ " कैश-फॉर-क्वेरी मामले" के आरोपों की जांच करने और छह महीने के भीतर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मोइत्रा को पिछले साल दिसंबर में "अनैतिक आचरण" के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था और उन्होंने इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। पार्टी ने अब उन्हें फिर से पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
लोकपाल का निर्देश भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में आया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहारों के बदले में लोकसभा में प्रश्न पूछे थे और उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी निशाना बनाया गया था.
लोकपाल के आदेश में कहा गया, "रिकॉर्ड पर मौजूद संपूर्ण सामग्री के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और विचार के बाद" इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आरपीएस (जिम्मेदार लोक सेवक) पर जो आरोप लगे हैं विशेष रूप से "उनकी स्थिति को देखते हुए आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं और अधिकांश आरोप पर्याप्त सबूतों द्वारा समर्थित हैं।"
उन्होंने आदेश में मोइत्रा को आरपीएस बताया। लोकपाल पीठ में न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी (न्यायिक सदस्य) और सदस्य अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह शामिल थे। इसमें कहा गया है, "हम सीबीआई को शिकायत में लगाए गए आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करने और इस आदेश की प्राप्ति की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर जांच रिपोर्ट की एक प्रति जमा करने का निर्देश देते हैं।"
दुबे ने इस फैसले को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर शेयर करते हुए लिखा, ''सत्यमेव जयते. आज लोकपाल ने मेरी शिकायत को सच मानते हुए चंद पैसों के लिए हीरानंदानी से सांठगांठ कर देश की सुरक्षा से समझौता करने वाली पूर्व तृणमूल कांग्रेस सांसद यानी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. जय शिव।”
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