रिपोर्ट के मुताबिक कई देशों में खांसी की दवा से 300 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कदम उठाया है.
नई दिल्ली: खांसी की दवा से मौत के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सख्त कार्रवाई की है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बने 7 कफ सिरप को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कई देशों में खांसी की दवा से 300 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कदम उठाया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि इन लोगों की मौत खांसी की दवा पीने से हुई है. पिछले कुछ महीनों में नाइजीरिया, गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में खांसी की दवा के सेवन से कई मौतें हुई हैं।
डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता के मुताबिक, भारत और इंडोनेशिया में फार्मा कंपनियों द्वारा निर्मित 20 से अधिक कफ सिरप का परीक्षण किया जा चुका है। जांच के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बनने वाले इस कफ सिरप को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। ये कफ सिरप वही हैं जो गांबिया और उज्बेकिस्तान में हुई मौतों के बाद विवादों में आए थे। आपको बता दें कि इन हादसों में खांसी की दवा के सेवन से 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.
इससे पहले ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने नोएडा की मैरियन बायोटेक, चेन्नई की ग्लोबल फार्मा, पंजाब की क्यूपी फार्माकेम और हरियाणा की मेडन फार्मास्युटिकल्स समेत कई अन्य फार्मा कंपनियों की भी जांच की थी। इस जांच में कुछ अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद ड्रग कंट्रोलर ने इन कंपनियों के संचालन पर रोक लगा दी। सीडीएससीओ सूत्रों ने कहा है कि दवाओं के निर्यात से पहले गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तरह की खांसी की दवा 9 देशों में बेची जा चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि इस तरह का कफ सिरप अगले कुछ सालों तक कई देशों में मिलता रहेगा। आपको बता दें कि इसमें पाए जाने वाले कफ सिरप और प्रोपलीन ग्लाइकोल की शेल्फ लाइफ करीब दो साल होती है। यही वजह है कि WHO भी इसे एक बड़ा खतरा मान रहा है।