तृणमूल कांग्रेस सांसद इस उद्योग समूह पर अनियमितताओं का आरोप लगाती रही हैं।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर शुक्रवार को यानआज सुनवाई कर सकता है, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका 17 अक्टूबर को दायर की गयी थी जो न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
पश्चिम बंगाल की कृष्णनगर लोकसभा सीट से सांसद मोइत्रा ने दुबे, वकील जय अनंत देहाद्रई, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोकने का अनुरोध किया है। दुबे ने मोइत्रा पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक उद्यमी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया है कि मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए।
दुबे ने वकील देहाद्रई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने एक कारोबारी द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेता को रिश्वत दिये जाने के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिनका खंडन नहीं किया जा सकता। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में दुबे ने दावा किया कि मोइत्रा द्वारा हाल में लोकसभा में पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 केवल अडाणी समूह पर केंद्रित थे।
तृणमूल कांग्रेस सांसद इस उद्योग समूह पर अनियमितताओं का आरोप लगाती रही हैं। मोइत्रा ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में आरोपों को खारिज किया है और दावा किया कि उनकी साख खराब करने के लिए ये आरोप गढ़े गये हैं।