Farmers Protest 2024: हम शांत रहेंगे... सरकार एक हाथ बढ़ाए हम..., 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू करते हुए किसानों ने PM मोदी से की अपील

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Farmers Protest: हम शांत रहेंगे...सरकार एक हाथ बढ़ाए हम..., 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसानों ने PM मोदी से की अपील
Published : Feb 21, 2024, 10:51 am IST
Updated : Feb 21, 2024, 10:52 am IST
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Farmers Protest 2024 farmer leaders appeal to pm modi before 'Delhi Chalo' march begins again
Farmers Protest 2024 farmer leaders appeal to pm modi before 'Delhi Chalo' march begins again

सान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ''हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है...

Farmers Protest 2024: अपनी मांगों को लेकर किसान बुधवार को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च फिर से शुरू कर रहे हैं। किसान हरियाणा और पंजाब की सीमा पर हैं और यहां से आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. इससे पहले पत्रकारों से बात करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ''हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है... और न ही ऐसा करने पर हमें गर्व है।" हमने दिल्ली जाने का प्लान बनाया था, यह प्लान आज नहीं बनाया हमने 7 नवंबर से ही दिल्ली जाने का कार्यक्रम बनाया था। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है...  सरकार को देश के किसान मजदूर के पक्ष में फैसला लेना चाहिए. किसानों ने काफी मेहनत की है. ऐसे हालात में भी सरकार किसान से बात करने के बजाय हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं, सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे... दिल्ली में बैठने की व्यवस्था बना दें... नहीं तो हमारी मांगें मान लें...उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री दिल्ली में कई बड़े फैसले लेते हैं, क्या वह आज अपने किसानों के लिए बयान नहीं दे सकते?  हम शांत हैं... अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे... हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा... मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं...''

वहीं 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे...हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है...''

गौरतलब है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल तक दालें, मक्का और कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद वे अपना आंदोलन फिर से शुरू कर रहे हैं।

हजारों किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। इन किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया था, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई थी। किसान तब से हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक पांच फसलें - मूंग दाल, उड़द दाल, तुअर दाल, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी।

प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने इस पेशकश को औपचारिक रूप से ठुकरा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मंगलवार को कहा कि यह किसानों के हित में नहीं है।

किसान नेताओं ने 8, 12, 15 और 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय के साथ चार दौर की वार्ता की लेकिन यह बेनतीजा रही।

शंभू सीमा पर किसान हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को हटाने के लिए खुदाई करने वाली मशीन लेकर आए हैं। कुछ किसान आंसू गैस से अपने आप को बचाने के लिए मास्क पहनकर आए हैं।

शंभू और खनौरी सीमा पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त हैं। हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस से उन बुलडोजर और मिट्टी खोदने वाले उन उपकरणों को जब्त करने को कहा, जिन्हें दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसान अवरोधकों को नुकसान पहुंचाने के लिए लाए हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ऐसे उपकरण सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और प्रदर्शनकारी किसानों को ऐसे उपकरण उपलब्ध कराने के लिए इनके मालिकों को सख्त चेतावनी दी जानी चाहिए।

हरियाणा सरकार ने किसानों के ‘‘दिल्ली चलो’’ आंदोलन के मद्देनजर सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बड़ी संख्या में एक साथ (बल्क) संदेश भेजने की सेवाओं पर प्रतिबंध को बुधवार तक बढ़ा दिया है। एक आदेश में सरकार ने कहा कि जिन जिलों में पाबंदी लगायी गयी हैं वे अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा हैं।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने मंगलवार को कहा कि किसान शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं से ‘‘शांतिपूर्ण’’ तरीके से दिल्ली की ओर कूच करने के लिए तैयार हैं। 

वहीं आज 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हमने तय किया है कि कोई भी किसान, युवा आगे नहीं जाएगा। सिर्फ नेता शांतिपूर्ण आगे जाएंगे...हम सरकार से आज भी मांग करेंगे कि दिल्ली से बड़ा फैसला करें। आप कहें कि MSP पर गारंटी कानून बनाएंगे, ये आंदोलन अभी खत्म हो सकता है...''

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