मूलभूत चरण में 3 से 8 वर्ष के बीच सभी बच्चों के लिए 5 वर्ष का सीखने का अवसर शामिल है।
New Delhi: शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु को एक समान 6+ वर्ष रखने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 देश के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में 'मूलभूत चरण' में बच्चों की शिक्षा को मजबूत बनाने की सिफारिश करती है। मूलभूत चरण में 3 से 8 वर्ष के बीच सभी बच्चों के लिए 5 वर्ष का सीखने का अवसर शामिल है। इसमें 3 साल की स्कूल पूर्व शिक्षा और 2 साल की प्रारंभिक प्राथमिक कक्षा-1 और कक्षा-2 शामिल हैं।
मंत्रालय का कहना है कि यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित स्कूल पूर्व (प्री-स्कूल) केंद्रों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन वर्ष की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है।
बयान के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस दृष्टि पर अमल करने के लिए 9 फरवरी 2023 के एक पत्र के माध्यम से सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को प्रवेश के लिए अब आयु को समान रूप से 6+ वर्ष करने तथा 6+ वर्ष की आयु में पहली कक्षा में प्रवेश देने के निर्देशों को दोहराया है।
इसके अनुसार, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी गई है कि वे अपने यहां प्री-स्कूल शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम तैयार करने और चलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करें।