विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत के मुख्य अधिवक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद रहे।
New Delhi: भारत ने वियना में एक तटस्थ विशेषज्ञ द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय बैठक में भाग लिया। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के किशनगंगा और रतले पनबिजली परियोजनाओं पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के समाधान के उद्देश्य से कार्यवाही का हिस्सा थी।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत के मुख्य अधिवक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद रहे।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘जल संसाधन विभाग के सचिव के नेतृत्व में भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने 20 और 21 सितंबर को वियना में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय में किशनगंगा और रतले मामले में तटस्थ विशेषज्ञ की कार्यवाही की बैठक में भाग लिया।''