ये लोग 114 अलग-अलग देशों के नागरिक बन गए, इनमें से 58% ने अमेरिका या कनाडा को चुना।
बेंगलुरु: भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच, विदेश मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी 2018 और जून 2023 के बीच, देश की नागरिकता छोड़ने वाले लगभग 20 % के करीब 1.6 लाख भारतीयों ने अपने देश की नागरिकता छोड़ कर कनाडाई नागरिकता का विकल्प चुना है।
इस अवधि के दौरान कनाडा, अमेरिका के बाद भारतीय प्रवासियों के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा गंतव्य बनकर उभरा, जबकि ऑस्ट्रेलिया और यूके क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। इस अवधि के दौरान लगभग 8.4 लाख भारतीयों ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है। ये लोग 114 अलग-अलग देशों के नागरिक बन गए, इनमें से 58% ने अमेरिका या कनाडा को चुना।
आप्रवासन विशेषज्ञ विक्रम श्रॉफ का मानना है कि कुछ भारतीय विकसित देशों में नागरिकता पसंद करते हैं जहां अंग्रेजी प्रमुख भाषा है। उन्होंने कहा, "आव्रजन के कई कारण हैं, जिनमें उच्च जीवन स्तर, बच्चों की शिक्षा, रोजगार के अवसर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं। कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश नागरिकता प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाकर विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहे हैं।"