उन्होंने कहा, "यह हमारा वादा और मोदीजी की गारंटी है कि यूसीसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा।"
Amit Shah News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में व्यक्तिगत धार्मिक कानूनों को बरकरार रखने का वादा किया गया जबकि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का भाजपा का वादा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए, मुसलमानों का देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है, लेकिन भाजपा के लिए, गरीबों, दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों का पहला अधिकार है। सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं।
शाह ने कहा, "कांग्रेस के घोषणापत्र को ध्यान से पढ़ें। उन्होंने कहा है कि वे पर्सनल लॉ को फिर से लाएंगे...वे मुस्लिम पर्सनल लॉ लाना चाहते हैं। वे तीन तलाक को वापस लाना चाहते हैं...क्या यह देश शरिया (इस्लामी कानून) से चलाया जा सकता है?''
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ''राहुल बाबा तुष्टिकरण के लिए जो करना है, कर लो। जब तक भाजपा है, कोई पर्सनल लॉ नहीं आएगा। यह देश यूसीसी और संविधान से चलेगा। यही हमारे संविधान की भावना है। हमने उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया है।” उन्होंने कहा, "यह हमारा वादा और मोदीजी की गारंटी है कि यूसीसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा।" शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त, 2019 को एक झटके में धारा 370 को खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘राहुल बाबा मुझे यह कहकर डराते थे कि अगर धारा 370 हटा दी गई तो कश्मीर में खून की नदियां बह जायेंगी। अरे राहुल बाबा, यह कांग्रेस सरकार नहीं है... नरेन्द्र मोदी की सरकार को पांच साल हो गए। खून की नदियां छोड़ो...वहां कंकर चलाने की हिम्मत नहीं हुई।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश से आतंकवाद और नक्सलवाद पर लगाम लगा दी और सरकार ने मध्य प्रदेश में भी नक्सली समस्या को खत्म कर दिया है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के लिए, देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। लेकिन भाजपा के लिए, गरीबों, दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों और आदिवासियों का पहला अधिकार है।"
शाह ने आरोप लगाया कि अतीत में कांग्रेस सरकारें आरक्षण की सिफारिश करने वाली मंडल आयोग की रिपोर्ट दबाए बैठी रहीं। उन्होंने कांग्रेस पर 70 साल तक राम मंदिर मुद्दे पर बाधाएं पैदा करने का भी आरोप लगाया। शाह ने कहा, "लेकिन पांच साल में, मोदी सरकार ने मंदिर की नींव रखी और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह भी आयोजित किया गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पास इसमें शामिल होने का समय नहीं था।"
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने कैबिनेट सहयोगियों को रामलला के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले गए। गुना लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है।
साल 2019 के चुनावों में, सिंधिया कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भाजपा प्रत्याशी केपी यादव से 1.21 लाख से अधिक मतों के अंतर से चुनाव हार गए थे। पिछली बार गुना से चुनाव हारने से पहले, सिंधिया चार बार इस सीट से जीत चुके थे। उनके पिता माधवराव और उनकी दादी विजयाराजे ने भी इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
सिंधिया जब कांग्रेस में थे तो उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। लेकिन 2020 में वह भाजपा में शामिल हो गए, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।
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