प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग ने H-1B वीजा का नवीनीकरण भारत में ही शुरू करने की घोषणा की है।
New Delhi: H-1B वीजा का नवीनीकरण भारत में ही शुरू करने की अमेरिका की घोषणा से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (IT) पेशेवरों की तेजी से आवाजाही में मदद मिलेगी और सेवाओं के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।
सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (SEPC) ने बुधवार को कहा कि H-1B के नवीनीकरण संबंधी इस अनुकूल कदम से घरेलू IT पेशेवरों को अमेरिका जाकर अपने ग्राहकों से प्रत्यक्ष संपर्क करने में भी आसानी होगी। एसईपीसी के चेयरमैन सुनील एच तलाटी ने कहा, "जब भारतीय आईटी पेशेवर विदेश में मौजूद ग्राहक स्थलों तक जल्द पहुंच सकते हैं तो वे ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने के साथ उनसे मजबूत रिश्ते बनाकर सही समाधान भी दे सकते हैं। सीधे जुड़ाव से ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ती है और वे भारतीय कंपनियों के साथ दोबारा कारोबार करना चाहते हैं। इस तरह आईटी क्षेत्र का निर्यात बढ़ता है।"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग ने H-1B वीजा का नवीनीकरण भारत में ही शुरू करने की घोषणा की है।
तलाटी ने कहा कि भारत के IT निर्यात के लिए अमेरिका के प्रमुख बाजार होने से इस घोषणा का भारत से IT सेवा निर्यात पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "आईटी निर्यात वृद्धि का पिछला अनुमान आठ से 12 प्रतिशत का था लेकिन इस कदम से आईटी निर्यात की वृद्धि 13-15 प्रतिशत तक रह सकती है।"
H-1B वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी श्रमिकों को खास तरह के व्यवसायों में काम करने के लिए अपने यहां बुलाती हैं। यह वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है।. हालांकि इसके नवीनीकरण के लिए विदेशी कामगार को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास जाना होता है। यह उनके लिए एक बड़ी असुविधा होती है क्योंकि वीजा के लिए 800 दिन या उससे भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ जाता है।.