Uniform Civil Code: चिदंबरम ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- UCC लोगों पर थोपा नहीं जा सकता

खबरे |

खबरे |

Uniform Civil Code: चिदंबरम ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- UCC लोगों पर थोपा नहीं जा सकता
Published : Jun 28, 2023, 12:34 pm IST
Updated : Jun 28, 2023, 12:34 pm IST
SHARE ARTICLE
PHOTO
PHOTO

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है।

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की पुरजोर वकालत किए जाने के बाद से देश में इसे लेकर राजनीति गर्म है.  कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ‘एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार’ इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच ‘विभाजन’ बढ़ेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और घृणा अपराध जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है।

चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि UCC साधारण प्रक्रिया है। उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें कहा गया है कि यह इस वक्त सुसंगत नहीं है।’’

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा की कथनी और करनी के कारण देश आज बंटा हुआ है। ऐसे में लोगों पर थोपा गया UCC विभाजन को और बढ़ाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती।’’

चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री का यूसीसी के लिए पुरजोर आग्रह का मकसद मंहगाई, बेरोजगारी, घृणा संबंधी अपराध, भेदभाव आदि मुद्दों से ध्यान हटाना है। उन्होंने कहा कि लोगों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सुशासन में नाकाम रही भाजपा अगला चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए यूसीसी का इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने UCC की वकालत करते हुए एक देश की तुलना एक परिवार के साथ की है। आभासी तौर पर उनकी तुलना सही प्रतीत हो सकती है, लेकिन सच्चाई काफी अलग है। एक परिवार का तानाबाना रक्त संबंधों से बनता है। एक राष्ट्र को एक संविधान से जोड़ा जाता है, जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक परिवार में भी विविधताएं होती हैं। भारत का संविधान भारत के लोगों के बीच विविधता तथा बहुलता को मान्यता देता है।’’

गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता लंबे समय से भाजपा के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है, जिसमें दूसरा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण है। विधि आयोग ने 14 जून को यूसीसी पर नए सिरे से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगी थी।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

कुर्सी लेकर निकले Justin Trudeau, Canada में ट्रूडो का शासन ख़त्म, जीभ बाहर, हाथ में कुर्सी

11 Mar 2025 5:56 PM

न ग्रंथ साहिब, न पंथ, तो कैसे बना नया जत्थेदार, मजीठिया के पक्ष में Chandumajra

10 Mar 2025 7:13 PM

चंडीगढ़ में REV EXPO के तीसरे संस्करण में क्या था खास?

10 Mar 2025 7:10 PM

ड्रग तस्कर का घर तोड़ने पहुंची पुलिस, फूट-फूटकर रोने लगी महिला

10 Mar 2025 7:09 PM

नशे को बेचकर बनाए गए घरों को ताश के पत्तों की तरह ढ़ाह रहा प्रशासन | Khanna Bulldozer Action

06 Mar 2025 5:48 PM

चिट्ठियों के मुद्दे पर Simranjit Singh Maan का Exclusive Interview

06 Mar 2025 5:46 PM