UCC पर विहिप का पीएम मोदी को समर्थन, कहा- परिवार से जुड़े कानून अलग क्यों हों ? .

खबरे |

खबरे |

UCC पर विहिप का पीएम मोदी को समर्थन, कहा- परिवार से जुड़े कानून अलग क्यों हों ? .
Published : Jun 28, 2023, 2:14 pm IST
Updated : Jun 28, 2023, 2:14 pm IST
SHARE ARTICLE
विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार  (FILE PHOTO)
विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार (FILE PHOTO)

उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी तरह के भेदभाव को समान नागरिक संहिता से दूर किया जा सकता है।

New Delhi: विश्व हिन्दू परिषद ने समान नागरिक संहिता (UCC) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि एक समान कानून 1400 साल पुरानी स्थिति से वर्तमान में लाएगा।

विहिप ने समान नागरिक संहिता के विषय को नारी सम्मान से जोड़ते हुए सवाल किया कि जब आपराधिक कानून, संविदा कानून, कारोबार से जुड़े कानून एक समान हैं तब परिवार से जुड़े कानून अलग क्यों हों ? 

विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अपने बयान में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता बनाने पर बल दिया। इसका कुछ राजनीतिक दलों और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं ने विरोध किया है। विश्व हिन्दू परिषद प्रधानमंत्री की बात से सहमत है।’’

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में सभी सरकारों को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक समान नागरिक संहिता बनाने का प्रयास करें। कुमार ने कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि संविधान बनने के 73 साल बाद जो सांसद और विधायक संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखने की शपथ लेते हैं, वे इसका पालन नहीं कर सके।’’

विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी सरला मुद्गल एवं अन्य के मुकदमे में कहा कि अलग अलग नागरिक संहिता ठीक नहीं है।

आलोक कुमार ने कहा कि जब देश में आपराधिक कानून एक हैं, भारतीय संविदा कानून (कॉन्ट्रैक्ट लॉ) एक हैं, वाणिज्यिक कानून एक हैं, कारोबार से जुड़े कानून एक हैं, तब परिवार संबंधी कानून अलग अलग क्यों हैं? उन्होंने कहा कि 1400 साल पुरानी स्थिति अलग थी और उस समय की परिस्थिति में बहु विवाह की प्रथा आई, वह तब की जरूरत हो सकती है। ‘‘समय बदला है। नारी की गरिमा और समानता की बात सभी को स्वीकार करनी चाहिए। वह (नारी) पुरूष की सम्पत्ति नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि ऐसे में किसी तरह के भेदभाव को समान नागरिक संहिता से दूर किया जा सकता है।

कुमार ने कहा कि तलाक के नियम सभी के लिए एक से हों और केवल मौखिक कह देने से तलाक नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तलाक की स्थिति में गुजारा भत्ता की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा बच्चों की परवरिश की चिंता की जानी चाहिए।

आलोक कुमार ने कहा कि एक समान कानून हमें 1400 साल पुरानी स्थिति से वर्तमान में लायेगा। उन्होंने कहा ‘‘ऐसी अपेक्षा की जाती है कि सभी धर्मों से अच्छी बातें ले कर एक ऐसा कानून बनेगा जो सभी के लिए जो अच्छा होगा।’’

गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता लंबे समय से भाजपा के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की पुरजोर वकालत करते हुए सवाल किया था कि ‘‘दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा?’’ उन्होंने कहा था कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा है।

विपक्षी पार्टियों ने समान नागरिक संहिता से जुड़़ी टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनपर महंगाई एवं बेरोजगारी जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने सवाल किया था कि क्या यूसीसी के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को ‘‘छीन लिया जाएगा।’’

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

अब Nawanshahr में नशा तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई,Bulldozer से मिनटों में ढहाया गया मकान

11 Mar 2025 5:59 PM

कुर्सी लेकर निकले Justin Trudeau, Canada में ट्रूडो का शासन ख़त्म, जीभ बाहर, हाथ में कुर्सी

11 Mar 2025 5:56 PM

न ग्रंथ साहिब, न पंथ, तो कैसे बना नया जत्थेदार, मजीठिया के पक्ष में Chandumajra

10 Mar 2025 7:13 PM

चंडीगढ़ में REV EXPO के तीसरे संस्करण में क्या था खास?

10 Mar 2025 7:10 PM

ड्रग तस्कर का घर तोड़ने पहुंची पुलिस, फूट-फूटकर रोने लगी महिला

10 Mar 2025 7:09 PM

नशे को बेचकर बनाए गए घरों को ताश के पत्तों की तरह ढ़ाह रहा प्रशासन | Khanna Bulldozer Action

06 Mar 2025 5:48 PM