S Jaishankar News: लद्दाख के देपसांग, डेमचोक से सैनिकों की वापसी पहला कदम: एस जयशंकर

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S Jaishankar News: लद्दाख के देपसांग, डेमचोक से सैनिकों की वापसी पहला कदम: एस जयशंकर
Published : Oct 28, 2024, 1:16 pm IST
Updated : Oct 28, 2024, 1:16 pm IST
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Foreign Minister S Jaishankar News In Hindi
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तनाव कम होने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।

Foreign Minister S Jaishankar News In Hindi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों का पीछे हटना पहला कदम है और उम्मीद है कि भारत 2020 की गश्त स्थति में वापस आ जाएगा। विदेश मंत्री ने स्पष्ट रूप से चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगला कदम तनाव कम करना है। हालांकि, ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक भारत को यकीन नहीं हो जाता कि दूसरी तरफ भी यही हो रहा है। तनाव कम होने के बाद सीमाओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।

इस सप्ताह की शुरुआत में भारत ने घोषणा की कि उसने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा मुबई में रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते विदेश मंत्री एस जयशंकर पेट्र (एलएसी) पर गश्त करने को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है। चार साल से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता है। 

26/11 के बाद भारत ने नहीं दिया था जवाब जयशंकर

मनमोहन सिंह सरकार पर परोक्ष हमला करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 26/11 के मुंबई आतकी हमलों का भारत ने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन, अगर इस समय ऐसी घटना होती है, तो भारत चुप नहीं बैठेगा। आतंकवाद पर दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है और भारत आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए जहां कार्रवाई करने की जरूरत होगी, वहां कार्रवाई करेगा। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुंबई में जो कुछ हुआ, हमें उसकी पुनरावृत्ति नहीं होने देनी चाहिए। यहां आतंकी हमला हुआ और कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। लेकिन, आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद से लड़ाई में भारत अग्रगी है और इसके प्रति जीरो टालरेंस की नीति रखता है। 

यह कोई पहली बार नहीं है जब जयशंकर ने मुंबई हमले पर टिप्पणी की है। अप्रैल में उन्होंने कहा था-मुबई डिवा हमलों के बाद संप्रग सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने लिखा था कि हमने थी बैठकर चर्चा की। सभी विकल्पों पर विचार किया। फिर कुछ नहीं करने का फैसला किया। हमे लगा कि पाकिस्तान पर हमला करने की ज्यादा कीमत चुकानी होगी। बताते चलें, लश्कर-ए- तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इसमें 166 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

(For more news apart from  Foreign Minister S Jaishankar News In Hindi, stay tuned to Spokesman Hindi)


 

Location: India, Delhi, New Delhi

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