Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी सुरंग में ड्रिलिंग पूरी; अंतिम चरण में बचाव अभियान! मजदूरों तक पहुंचा पाइप

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Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी सुरंग में ड्रिलिंग पूरी; अंतिम चरण में बचाव अभियान! मजदूरों तक पहुंचा पाइप
Published : Nov 28, 2023, 2:29 pm IST
Updated : Nov 28, 2023, 3:51 pm IST
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Uttarkashi Tunnel Collapse Drilling completed in Uttarkashi tunnel; Rescue operation in the final stages!
Uttarkashi Tunnel Collapse Drilling completed in Uttarkashi tunnel; Rescue operation in the final stages!

सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही है।

Uttarkashi Tunnel Collapse Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिक को आज 17 दिन बाद बाहर निकाल लिया जाएगा। बचाव अभियान के लिए की जा रही खुदाई के काम सफलतापूर्वक  पूरा कर लिया गया है। मजदूरों को कुछ मिनटों में बाहर निकाल लिया जाएगा। श्रमिकों तक पाइप पहुंच चुका है। सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी की जा रही है। मजदूरों को बाहर आते ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए घटना स्थल से 30 किमी दूर चिनियालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित किया गया है।

श्रमिकों के बाहर आते ही उन्हें चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के लिए घटनास्थल से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 41 बिस्तरों का अस्पताल तैयार किया गया है। पिछले एक पखवाड़े में भारी वाहनों की नियमित आवाजाही के कारण ऊबड़-खाबड़ हो चुकी सुरंग के बाहर की सड़क की मरम्मत की जा रही है और एंबुलेंस की सुचारू आवाजाही के लिए मिट्टी की एक नयी परत बिछाई जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुरंग के बाहर सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया कि जैसे ही श्रमिक उनके लिए तैयार किए जा रहे निकासी मार्ग से बाहर आना शुरू करें, वे तुरंत कार्रवाई में जुट जाएं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में मलबे को भेदकर 52 मीटर तक पाइप डाले गए हैं। वहां फंसे 41 श्रमिकों को बचाने का प्रयास 17वें दिन भी जारी है। 

बचावकर्मियों को श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रैट-होल खनन तकनीक का उपयोग करके मलबे को खोदना होगा। यह ड्रिलिंग पहले एक बड़ी ऑगर मशीन से की गई थी जो शुक्रवार को करीब 47 मीटर नीचे मलबे में फंस गई थी। कुशल श्रमिकों की एक टीम ने सोमवार को ‘रैट-होल’ खनन तकनीक का उपयोग करके हाथ से मलबे को हटाना शुरू किया, जबकि 800 मिलीमीटर व्यास वाले पाइपों को एक ऑगर मशीन द्वारा मलबे को भेदकर आगे धकेला जा रहा है।

बता दें कि सुरंग में ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है. अब मजदूरों को निकालने का काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. पाइप मजदूरों तक पहुंच चुका है

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ROZANASPOKESMAN

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