सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमों में भी कुछ कमी आएगी।
Supreme Court News: वैसे तो आपसी समझौते से साहार्दपूर्ण माहौल में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला स्तर तक लोक अदालतों आयोजन होता का है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से शुरू हो रही पांच दिवसीय विशेष लोक अदालत कुछ खास है। सुप्रीम कोर्ट अपनी 75वीं वर्षगांठ पर पहली बार पांच दिवसीय विशेष लोक अदालत का आयोजन कर रहा है। सोमवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली अदालत सहित सुप्रीम कोर्ट की सात अदालतों में विशेष लोक अदालतें लगेंगी जो मध्यस्थता करते हुए पक्षकारों की रजामंदी से विवादों को निपटाएंगी। ये विशेष अदालत 29 जुलाई से लेकर तीन अगस्त तक चलेगी और इसमें पक्षकारों की सहमति से सौहार्दपूर्ण तरीके से हजारों मामले निपटने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमों में भी कुछ कमी आएगी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 18 जून को ही सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर एक वीडियो संदेश जारी कर वकीलों और पक्षकारों से अपने विवादों को हल कराने के लिए विशेष लोक अदालत में मामले पंजीकृत कराने की अपील की थी। तभी से विशेष लोक अदालत में निपटारे के लिए केस पंजीकृत होने शुरू हो गए थे। उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि इस क्रम में विभिन्न श्रेणियों के 14 हजार से ज्यादा केस विशेष लोक अदालत में सुनवाई के लिए पंजीकृत हुए। उस लिस्ट से सुनवाई के लिए केसों को छांटा गया है। सोमवार को सात अदालतों में विशेष लोक अदालत के कुल 300 से ज्यादा केस निपटारे के लिए लगे हैं। जिसमें से प्रधान न्यायाधीश की अदालत में 68 ऐसे केस लगे हैं, बाकी अदालतों में औसतन 45 से 50 केस लगे हैं। ये केस सुप्रीम कोर्ट को रोजाना सुनवाई की सूची में लगे केसों से अलग हैं। तय व्यवस्था के मुताबिक सोमवार से शुरू होने वाली विशेष लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश की अदालत से लेकर सात अदालतें पहले सुबह स्टीन के मुकदमों को सुनवाई करेंगी। भोजनावकाश के बाद दो बजे से विशेष लोक अदालत के मामलों का निपटारा किया जाएगा।
पांच दिन चलने वाली विशेष लोक एजेंस अदालत में यही व्यवस्था रहेगी। विशेष लोक अदालत में पक्षकारों (सीन व वकीलों को सुविधा का पूरा ध्यान किए रखा गया है और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सातों अदालतों में लगने वाली विशेष लोक अदालत के लिंक जारी हो चुके हैं। पक्षकार देश के किसी भी भाग से कहीं से जिनक भी सुनवाई में जुड़ सकते हैं। विशेष लोक अदालत में वैवाहिक विवाद, संपत्ति विवाद, मोटर दुर्घटना दावा, अंग्रेज जमीन अधिग्रहण, मुआवजा, सर्विस और लेबर आदि मामलों का निपटारा किया जाएगा। लोक अदालतें मध्यस्थता से विवाद के हल का मंच उपलब्ध करवा मामलों के सौहार्दपूर्ण एक क समाधान की राह बनाती हैं.
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