राहुल ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह से जुड़ी उस रैली से 1दिन पहले यह टिप्पणी की थी, जिसमें कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को आमंत्रित...
श्रीनगर : कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समापन सोमवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ध्वजारोहण और फिर ‘शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम’ में रैली के साथ होगा।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने रैली के लिए 20 से अधिक समान विचारधारा वाली पार्टियों को आमंत्रित किया है, जो विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास है। बर्फ की चादर से ढक चुके श्रीनगर में होने वाली इस रैली में कई विपक्षी दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। हालांकि, कुछ प्रमुख विपक्षी दलों की उपस्थिति को लेकर असमंजस की स्थिति भी है।
कांग्रेस के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में तिरंगा फहराएंगे और फिर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से जुड़े स्मृति चिन्ह का अनावरण करेंगे।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष में मतभेद जरूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा।.
राहुल ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह से जुड़ी उस रैली से एक दिन पहले यह टिप्पणी की थी, जिसमें कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को आमंत्रित करके विपक्षी एकजुटता का प्रयास किया है।.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस रैली में नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और कुछ अन्य दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है। हालांकि, रैली में समाजवादी पार्टी (सपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसी पार्टियों के प्रतिनिधियों के शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
यह पूछे जाने पर कि कितने विपक्षी दल रैली में शामिल हो रहे हैं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को कहा था, ‘‘इस बारे में आपको कल पता चलेगा।’’
‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 135 दिनों के बाद समापन हो रहा है। यह यात्रा 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद श्रीनगर में संपन्न होगी। सात सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा देशभर के विभिन्न राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी।