मिलबेन ने सोमवार को जारी एक वीडियो में कहा, ''इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रण लें।''.
वाशिंगटन: अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीयों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस एशियाई राष्ट्र को सदियों की विविध संस्कृतियों एवं परंपराओं ने आकार दिया है और यह स्वतंत्रता के बैनर तले एकजुटता से खड़ा है। मिलबेन (41) ने 23 जून को वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत से आए मेहमानों के समक्ष प्रस्तुति दी थी। यह प्रस्तुति भारतीय नेता की अमेरिका की पहली आधिकारिक राजकीय यात्रा के समापन समारोह में दी गई थी।
मिलबेन ने सोमवार को जारी एक वीडियो में कहा, ''इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रण लें।''.
उन्होंने कहा, ''आप अपने जुनून को उद्देश्य में, अपने विचारों को नवाचार में और अपनी चुनौतियों को अवसरों में बदलें। आप हमेशा याद रखें कि बदलाव लाने की शक्ति आपके भीतर मौजूद है, वह बस बाहर आने का इंतजार कर रही है।''
मिलबेन ने भारतीयों से अपील की कि वे दुनिया के लिए आशा की किरण बनकर खड़े हों, ताकि यह साबित हो सके कि जब आप किसी समान उद्देश्य के साथ एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होते हैं तो कोई भी लक्ष्य आपकी पहुंच से बाहर नहीं होता। उन्होंने कहा, ''जब आप अपने पूर्वजों द्वारा हासिल की गई आजादी का जश्न मना रहे हैं, तो आप खुद को उन आदर्शों के लिए फिर से प्रतिबद्ध करें, जो आपके राष्ट्र को न्याय, समानता और प्रगति के रूप में परिभाषित करते हैं।''
उन्होंने कहा कि आने वाला भविष्य उन लोगों का है, जो अपनी परिस्थितियों से परे सपने देखने का साहस करते हैं और एक बेहतर दुनिया को आकार देने की अपनी क्षमता में विश्वास रखते हैं। मिलबेन ने कहा, ''आप में से हरेक को इस सफर में भूमिका निभानी है। चाहे वह विज्ञान, कला, व्यवसाय, प्रशासन, खेती या युद्धक्षेत्र हो, आपके कार्य आपके राष्ट्र की छवि पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं।''.
मिलबेन के भारतीयों से कहा कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे दूरदर्शी नेताओं की उल्लेखनीय विरासत से प्रेरणा लेते हुए आप अपनी सीमाओं से परे जाने की क्षमता को स्वीकारें।. मिलबेन ने पिछले साल अगस्त में भारत की पहली ऐतिहासिक यात्रा की थी और अमेरिका की आधिकारिक अतिथि के रूप में देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रस्तुति दी थी। उन्हें भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने आमंत्रित किया था।